नयी दिल्ली (ब्यूरो)। दोस्ती के नाम पर हर बार धोखा देने वाले
पड़ोसी देश पाकिस्तान ने एक बार फिर भारत की पीठ में खंजर घोंपा है।
पाकिस्तान ने हरमुज की खाड़ी से होकर जाने वाले जहाजों के रास्ते में
पड़ने वाले ग्वादर बंदरगाह का प्रबंधन चीन को सौंप दिया है। जानकरों का
मानना है कि पाकिस्तान का यह कदम भारत के लिये खतरे से खाली नहीं है।
मालूम हो कि भारत के रक्षा मंत्री एके एंटनी ने इस संबंध में कुछ दिन पहले
कहा था कि पड़ोसी देश के बंदरगाह पर चीन का नियंत्रण चिंताजनक है।
पाकिस्तान और चीन के बीच जो समझौता हुआ है उसके अनुसार बंदरगाह का काम
पूरा होने के बाद चीन की सेना इसका इस्तमाल कर सकेगी। यह भारत की सुरक्षा
के मद्देनजर यह खतरनाक है। प्राप्त जानकारी के अनुसार उस बंदरगाह पर
अधिकार तो पाकिस्तान का ही रहेगा मगर उसका प्रयोग और संचालन से होने वाले
मुनाफे में चीन की कंपनी का हिस्सा होगा।
पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत स्थित ग्वादर बंदरगाह पर अब चीन की
‘चाइना ओवरसीज़ पोर्ट होल्डिंग्स लिमिटेड'का पूरी तरह कब्जा होगा।
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने इस अवसर पर कहा कि इस समझौते
से पाकिस्तान और चीन के बीच रिश्तों को नया बल मिलेगा और इससे दोनों देशों
के बीच राजनीतिक सहयोग का विस्तार आर्थिक सहयोग के क्षेत्र में होगा।
सीधे शब्दों में कहें तो उधार की जिंदगी जीने की आदत वाले पाकिस्तान के
इस नापाक दोस्ती के चलते भारत पर खतरा मंडरा रहा है। वैसे भी चीन ने हमेशा
से भारत में घुसपैठ करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ा है और अब जबकि उसे
समंदर के रास्ते भारत पर निगराने रखने का मौका मिला है तो निश्चित तौर पर
वो इसका पूरा प्रयोग करेगा।
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