द्रमुक में बढ़ रहे असंतोष का एक और संकेत देते हुए पार्टी प्रमुख करुणानिधि के पुत्र एम के अलागिरि पार्टी की कार्यकारिणी की महत्वपूर्ण बैठक में शामिल नहीं हुए.समझा जाता है कि इस बैठक में पार्टी के संप्रग से समर्थन वापस लेने की पृष्ठभूमि में कुछ महत्वपूर्ण फैसले लिए जा सकते हैं. सूत्रों ने बताया कि अलागिरि सोमवार सुबह की उड़ान से मदुरै चले गए.
पूर्व केंद्रीय मंत्री अलागिरि का पार्टी कार्यकारिणी की बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला पार्टी पर काफी गहरा असर डाल सकता है. इससे पहले पिछले सप्ताह करुणानिधि के संप्रग से समर्थन वापस लेने के समय भी उन्होंने अपना इस्तीफा अलग से प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भेजा था.
द्रमुक में करुणानिधि के दोनों पुत्रों के बीच प्रतिद्वंद्विता नयी नहीं है. अलागिरि और स्टालिन दोनों ही करुणानिधि का राजनीतिक उत्तराधिकारी होने का दावा करते रहे हैं.
यह खींचतान हाल में तब और बढ़ गई जब करुणानिधि ने इस तरह के संकेत दिए कि उनका राजनीतिक उत्तराधिकार स्टालिन संभाल सकते हैं. इस पर नाराज अलागिरि ने बयान दिया कि ‘द्रमुक कोई मठ नहीं है जहां के मुख्य पुजारी अपना उत्तराधिकारी खुद नियुक्त करें.’
पूर्व केंद्रीय मंत्री अलागिरि का पार्टी कार्यकारिणी की बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला पार्टी पर काफी गहरा असर डाल सकता है. इससे पहले पिछले सप्ताह करुणानिधि के संप्रग से समर्थन वापस लेने के समय भी उन्होंने अपना इस्तीफा अलग से प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भेजा था.
द्रमुक में करुणानिधि के दोनों पुत्रों के बीच प्रतिद्वंद्विता नयी नहीं है. अलागिरि और स्टालिन दोनों ही करुणानिधि का राजनीतिक उत्तराधिकारी होने का दावा करते रहे हैं.
यह खींचतान हाल में तब और बढ़ गई जब करुणानिधि ने इस तरह के संकेत दिए कि उनका राजनीतिक उत्तराधिकार स्टालिन संभाल सकते हैं. इस पर नाराज अलागिरि ने बयान दिया कि ‘द्रमुक कोई मठ नहीं है जहां के मुख्य पुजारी अपना उत्तराधिकारी खुद नियुक्त करें.’
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