नई दिल्ली। हिजबुल मुजाहिद्दीन आकाओं के मंसूबे बेहद खतरनाक थे। शहर के भीड़भाड़ वाले बाजारों में अंधाधुंध फायरिंग व ग्रेनेड से बेगुनाहों को मौत के घाट उतारने के अलावा वीआइपी भी उनके निशाने पर थे। आतंकी लियाकत की निशानदेही पर जामा मस्जिद इलाके में गेस्ट हाउस से बरामद नक्शे का प्रयोग इसी मकसद के लिए होना था। उसकी मदद से आतंकी किसी वीआइपी के रूट की जानकारी होने पर उस रास्ते पर घात लगाते।
पुलिस लियाकत से पता लगाने की कोशिश कर रही है कि उसकी लिस्ट में कितने और कौन से वीआइपी शामिल थे। दिल्ली पुलिस ने रविवार को संदिग्ध आतंकी का स्केच जारी किया है। यह वही आतंकी है, जिसने हाजी अराफात गेस्ट हाउस में हथियार और विस्फोटक पहुंचाया था। पुलिस ने जनता से अपील की है कि स्केच के आधार पर संदिग्ध आतंकी के बारे में पता चले तो पुलिस को तुरंत सूचित करें। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि हमले को अंजाम देने आए छह अन्य आतंकियों की तलाश की जा रही है।
सूत्रों के अनुसार लियाकत के नेपाल में यूनिस तथा पाकिस्तान में इरफान समेत कई लोगों से संपर्क की जानकारी मिली है। उसकी मदद करने वाले कई लोगों के नाम सामने आए हैं, जिनमें कुछ जम्मू-कश्मीर के भी हैं। उनकी सूची बनाई जा रही है। दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी के अनुसार लियाकत ने खुलासा किया है कि अगर वह अपने मकसद में कामयाब हो जाता तो जान-माल की भारी क्षति होती।
हिजबुल ने दिल्ली को दहलाने के लिए छह आतंकियों की टीम तैयार की थी। लियाकत को पूरे ऑपरेशन की निगरानी करनी थी। लियाकत को 20 मार्च को ही हाजी अराफात गेस्ट हाउस में पहुंचना था। लेकिन उससे पहले ही गोरखपुर में दबोच लिया गया। उसके अलावा चार अन्य आतंकियों के भी दिल्ली पहुंचने की जानकारी मिली है। माना जा रहा है गेस्ट हाउस छोड़कर फरार आतंकी अपने चार अन्य साथियों के पास गया है। स्पेशल सेल की कई टीमें आतंकियों की सरगर्मी से तलाश कर रही हैं। माना जा रहा है कि इस मामले में जल्द कुछ अन्य गिरफ्तारियां संभव है।
ज्ञात हो कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 20 मार्च को गोरखपुर से हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी लियाकत को गिरफ्तार किया था। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने दावा किया है कि लियाकत उनके पास आत्मसमर्पण करने आ रहा था। इसकी सभी कागजी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई थीं। इसकी जानकारी सरकार को भी थी।
कुपवाड़ा स्थित लियाकत के घर पहुंची उसकी दूसरी पत्नी अख्तर उल निशा (पाकिस्तानी नागरिक) ने दावा किया कि वह और लियाकत अपनी मूक बधिर बेटी के साथ नेपाल के रास्ते गोरखपुर पहुंचे थे। रास्ते में ही दिल्ली पुलिस ने लियाकत को गिरफ्तार कर लिया। उन लोगों ने पुलिस को बताया भी था कि वह जम्मू में सरेंडर करने जा रहे हैं, लेकिन दिल्ली पुलिस ने उनकी एक नहीं सुनी। अख्तर उल निशा की भी लियाकत से दूसरी शादी है। उसका पहला पति आतंकी था और सीमा पार करते समय भारतीय सुरक्षा बलों से मुठभेड में मारा गया था।
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