गुजरात सरकार राज्य के सभी समुदाय के लोगों को सुरक्षा देने में नाकाम रही है.
‘कंट्री रिपोर्ट्स ऑन ह्यूमन राइट्स प्रैक्टिसेस फॉर 2012’ में कहा गया है कि भारत के गुजरात राज्य में 2002 में हुए सांप्रदायिक दंगे में 1200 से अधिक लोग मारे गए थे. इनमें से अधिकांश मुसलमान थे.
अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन कैरी ने शुक्रवार को इस रिपोर्ट को जारी करते हुए कहा कि ‘मानवाधिकार संगठन लगातार आरोप लगा रहे हैं कि जांच एजेंसियां अपनी रिपोर्ट में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का पक्ष ले रही हैं’.
रिपोर्ट में कहा गया है कि गुजरात सरकार सांप्रदायिक दंगा फैलाने वाले आरोपियों को अब तक गिरफ्तार नहीं कर सकी है. ये और बात है कि कुछ मामलों में अदालत में प्रगति हुई है.
इस रिपोर्ट के मुताबिक पिछले वर्ष भारत में सबसे प्रमुख मानवाधिकार समस्या पुलिस और सुरक्षा बलों द्वारा किया जाने वाला अनुचित व्यवहार था. भारत की मानवाधिकार समस्या में यातना देना, दुष्कर्म और सरकार में सभी स्तर पर व्याप्त भ्रष्टाचार को भी शामिल किया गया है.
गौरतलब है कि पिछले साल दिल्ली में दामिनी के साथ हुए सामूहिक बलात्कार ने पूरे विश्व में भारतवर्ष को शर्मसार कर दिया था.
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