जयपुर। राजस्थान में 1 अप्रैल के बाद अंतरजातीय विवाह करने वाले जोड़ों को सरकार 2.50 लाख रुपए की फिक्स डिपॉजिट (एफडी) देगी। जबकि इतनी ही राशि घर बसाने के उद्देश्य से घरेलू उपयोग की जरूरी चीजें खरीदने के लिए नकद दी जाएगी। अब तक इस तरह के युगलों को केवल 50,000 रुपए ही दिए जाते थे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मार्च में बजट के दौरान अंतरजातीय विवाह करने वाले जोड़ों को पांच लाख दिए जाने की घोषणा की थी। पांच लाख में से ढाई लाख एफडी के रूप में और ढाई लाख कैश के रूप में दिया जाएगा। राज्य सरकार के इस निर्णय का चहुंओर स्वागत किया गया और इसे वाकई सामाजिक बदलाव लाने वाले निर्णय के रूप में देखा जा रहा है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि राष्ट्रीयकृत बैंक में जमा एफडी पति-पत्नी दोनों के नाम से होगी। इसे 8 साल से पहले तुड़वाया नहीं जा सकेगा। इस तरह का प्रावधान करने का उद्देश्य यह है कि अंतरजातीय विवाह के पश्चात पति-पत्नी में किसी तरह का मनमुटाव और झगड़ा नहीं हो। ऐसी शादी कम से कम आठ साल तक तो चले।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हाल ही बजट में अंतरजातीय विवाह करने वाले युगलों को सरकार की ओर से 5 लाख रुपए प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की थी।इसमें भी शर्त यह है कि पति अथवा पत्नी दोनों में से कोई एक अनुसूचित जाति से संबंध रखता हो। इस घोषणा का उद्देश्य प्रदेश में सामाजिक समरसता को बढ़ावा देना है।
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