
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि राष्ट्रीयकृत बैंक में जमा एफडी पति-पत्नी दोनों के नाम से होगी। इसे 8 साल से पहले तुड़वाया नहीं जा सकेगा। इस तरह का प्रावधान करने का उद्देश्य यह है कि अंतरजातीय विवाह के पश्चात पति-पत्नी में किसी तरह का मनमुटाव और झगड़ा नहीं हो। ऐसी शादी कम से कम आठ साल तक तो चले।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हाल ही बजट में अंतरजातीय विवाह करने वाले युगलों को सरकार की ओर से 5 लाख रुपए प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की थी।इसमें भी शर्त यह है कि पति अथवा पत्नी दोनों में से कोई एक अनुसूचित जाति से संबंध रखता हो। इस घोषणा का उद्देश्य प्रदेश में सामाजिक समरसता को बढ़ावा देना है।
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