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12 सित॰ 2013

पद की गरिमा के अनुकूल आचरण करें आजम या पद छोडें: रामगोपाल

पद की गरिमा के अनुकूल आचरण करें आजम या पद छोडें: रामगोपाल              
नई दिल्ली। गाहे-बगाहे अपनी नाराजगी जताते रहे उत्तर प्रदेश सरकार में वरिष्ठ मंत्री और समाजवादी पार्टी नेता आजम खान पर इस बार पार्टी ने कडा रूख अख्तियार किया है। आगरा में चल रही सपा की दो दिन की कार्यकारिणी बैठक में आजम की गैर मौजूदगी पर सपा नेता रामगोपाल यादव ने उन्हें कडा संदेश दे दिया है। उन्होंने आजम को अपने पद के अनुकूल आचरण करने की नसीहत देते हुए इस्तीफा तक देने को कह दिया है।
समाजवादी पार्टी के महासचिव रामगोपाल वर्मा ने आजम खान को चेतावनी देते हुए कहा कि पार्टी में किसी की भी हनक बर्दाश्त नहीं की जाएगी, क्योंकि अनुशासन सबके लिए एक समान है। उन्होंने आजम खान को कडे शब्दों में चेतावनी दी और कहा कि या तो वह पद के मुताबिक काम करें या फिर इस्तीफा दे दें। रामगोपाल यादव ने कहा कि बैठक से आजम की गैरमौजूदगी से फर्क नहीं पडता है। आजम खुद ही अपना कद छोटा कर रहे हैं। आजम पद की गरिमा समझें या इस्तीफा दें। दूसरी तरफ सपा सांसद नरेश अग्रवाल ने भी आजम को लेकर सख्त रूख दिखाया है।
अग्रवाल ने कहा कि आजम पर कडी कार्रवाई हो, क्योंकि पार्टी से बडा कोई नहीं है। गौरतलब है कि मुजफ्फरनगर दंगे को लेकर सरकार से नाराज आजम खान आगरा में हो रही सपा कार्यकारिणी की बैठक में नहीं पहुंचे थे। उन्होंने इसके लिए अपनी खराब सेहत का हवाला दिया। खास बात यह है कि आजम कैबिनेट की बैठकों से भी नदारद रहे थे जबकि वह लखनऊ में ही मौजूद थे। आजम की नाराजगी पहली बार नहीं है, गाहे-बगाहे आजम अपनी ही सरकार से नाराज हो जाते हैं। आजम मुजफ्फरनगर हिंसा पर पार्टी से इतर बयान दे चुके हैं और इसमें सरकार-प्रशासन की नाकामी करार दे चुके हैं।

आडवाणी पर बरसे मोदी, बोले-जनता का मूड पहचानने में रहे नाकाम

आडवाणी पर बरसे मोदी, बोले-जनता का मूड पहचानने में रहे नाकाम










              
              
              
नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी के पीएम पद के कंडिडेट्स को लेकर बीजेपी में वबाल बढता ही जा रहा है। जहां एक और लालकृष्ण आडवाणी पहले से ही नाराज चल रहे है। वहीं, मुरली मनोहर जोशी को भी मोदी के नाम पर ऎतराज है।
 आडवाणी का मानना है कि मोदी के नाम का ऎलान दिसंबर के बाद हो तो जोशी चाहते है कि मोदी के नाम का ऎलान करने से पहले बीजेपी शासित उन राज्यों से सहमति जरूरी है जहां चुनाव होने वाले है। इसी बीच बिहार भाजपा के प्रमुख और राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने पीएम पद को लेकर आडवाणी पर सोशल नेटवर्किग साइट टि्वटर के जरिए निशाना साधा है। 

आडवाणी पर हमला बोलते हुए मोदी ने ट्वीट कर कहा कि आडवाणी जनता का मूड पहचान नहीं पाए। देश के पूर्व गृहमंत्री ने स्वयं प्रधानमंत्री पद के लिए अटल बिहारी वाजपेयी का नाम आगे किया था। ऎसा ही वे गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए कर सकते हैं।
 कैबिनेट में मंत्री पद की लालसा पाए आडवाणी नमो का नाम आगे करने से कतरा रहे हैं। उन्होंने ट्वीट में कहा, राजनीति ही ऎसा क्षेत्र है जहां इंसान मरते दम तक अपनी इच्छाओं की लो को जलाकर रखते हैं। कैबिनेट में जगह पाने की लालसा मरे हुए राजनेताओं को जिंदा कर देती है।

लालकृष्‍ण आडवाणी मानें या न मानें, कल शाम होगा नरेंद्र मोदी के नाम का ऐलान

चाहे लालकृष्ण आडवाणी मानें या फिर न मानें, बीजेपी के प्रधानमंत्री प्रत्याशी के तौर पर नरेंद्र मोदी के नाम ऐलान होना तय है. बीजेपी सूत्रों के हवाले से खबर है कि शुक्रवार शाम मोदी के नाम की घोषणा कर दी जाएगी.
हालांकि, आडवाणी को मनाने की कोशिश अब भी जारी हैं. कवायद फेल होने की स्थिति में राजनाथ सिंह अपने अध्यक्ष पद के अधिकारों का इस्तेमाल कर नाम का ऐलान करेंगे. इसके लिए शुक्रवार शाम 3 से 4 बजे के बीच प्रेस कॉन्फ्रेंस की जा सकती है.
लाल कृष्ण आडवाणी

सूत्रों ने यह भी बताया है कि नरेंद्र मोदी इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद नहीं रहेंगे. दरअसल, पार्टी आडवाणी के रवैये को लेकर विवाद से बचना चाहती है.
आपको बता दें कि मोदी के नाम पर आडवाणी के रवैये से संघ के नेताओं की कोशिशों को बड़ा झटका लगा है, क्योंकि RSS मोदी के नाम का ऐलान सर्वसहमति चाहता था. पर ऐसा नहीं होता दिख रहा.
अगर मोदी के नाम ऐलान होता तो ऐसे में आडवाणी की प्रतिक्रिया क्या होगी? क्या आडवाणी एक बार फिर पार्टी के पदों से इस्तीफा दें देंगे? इसे लेकर बीजेपी असमंजस की स्थिति में है. पर इतना तय हो गया है कि मोदी के नाम का ऐलान होगा चाहे आडवाणी मानें या फिर न मानें.

राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा कि अगले लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा सभी सदस्यों से बातचीत के बाद की जाएगी. राजनाथ ने कहा, 'हम हर किसी से बातचीत करने के बाद फैसला करेंगे.'
पार्टी प्रवक्ता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, 'बातचीत जारी है और हम जल्द उम्मीदवार की घोषणा करेंगे. पार्टी में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर कोई विरोधाभास नहीं है. सब कुछ ठीक है.'
लाल कृष्ण आडवाणी के कहा-दर्ज कराउंगा विरोध 
सूत्रों ने बताया है कि बुधवार को राजनाथ सिंह के साथ मीटिंग में आडवाणी ने साफ कर दिया था कि वे संसदीय बोर्ड की बैठक में भी हिस्सा लेंगे और मोदी के नाम पर अपना विरोध दर्ज कराएंगे. आडवाणी का कहना है कि मोदी के नाम का ऐलान भी चुनाव के बाद हो और वे इस पर अब भी कायम हैं.
सूत्रों ने बताया है कि आडवाणी की राय को मुरली मनोहर जोशी और सुषमा स्वराज का समर्थन तो है, लेकिन ये दोनों नेता पार्टी के आखिरी फैसले को मानेगें.
आडवाणी के विरोध ने राजनाथ सिंह को मुश्किल में डाल दिया है. क्योंकि सबकी सहमति के बिना मोदी के नाम की घोषणा करना उनकी मजबूरी बन गई है.


आसाराम के एक आश्रम में खुला स्‍कूल, दूसरे पर आज बुलडोजर चलाने की तैयारी


आसाराम के एक आश्रम में खुला स्‍कूल, दूसरे पर आज बुलडोजर चलाने की तैयारीजोधपुर/भीलवाड़ा/बरेली. नाबालिग से दुष्कर्म के आरोप में जोधपुर जेल में बंद आसाराम के भरतपुर के पास मौजूद आश्रम में अब स्कूल खुल गया है। आश्रम कृषि भूमि पर है। इस कारण जिला प्रशासन द्वारा इसके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। लेकिन कलेक्टर ने आश्रम के संचालकों से बात कर उन्हें यहां स्कूल खोलने को राजी किया। बुधवार को राजकीय महाराजा बदन सिंह उच्च माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक और विद्यार्थी कलेक्टर के साथ आश्रम पहुंचे। फिलहाल यहां नौवीं और 10वीं की कक्षा शुरू की गई हैं। 
वहीं, भीलवाड़ा के हरणी खुर्द में मौजूद आसाराम का आश्रम टूटेगा। यह आश्रम सरकारी जमीन पर बना है। तहसीलदार कोर्ट ने बुधवार को राजस्व विभाग की 2.19 बीघा बिलानाम जमीन से आश्रम ट्रस्ट को बेदखल करने के आदेश दिए हैं। पीठासीन अधिकारी राजेंद्र सिंह शेखावत ने ट्रस्ट को भू-राजस्व अधिनियम 1956 की धारा 19 अतिक्रमण का दोषी मानते हुए भू-राजस्व की 50 गुना राशि का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने यह फैसला हरणी कला पटवारी द्वारा ट्रस्ट के खिलाफ दायर केस पर सुनाया। 
आश्रम ने मांगी एक माह की मोहलत 
आश्रम संचालक कैलाश शर्मा सहित अन्य साधकों ने वकील के साथ तहसीलदार कोर्ट में उपस्थित होकर नोटिस का जवाब पेश किया। इसमें कहा गया कि ट्रस्ट का मुख्यालय अहमदाबाद है। जमीन के कागजात वहां से मंगवाने होंगे।साथ ही कोर्ट की फाइल की नकलें भी लेनी है। एक माह का समय दिया जाए, पर कोर्ट ने समय नहीं दिया। 
 
यह है मामला 
आसाराम आश्रम 8 बीघा 2.50 बिस्वा जमीन पर बना है। लगभग 4 बीघा 15.50 बिस्वा जमीन पर अतिक्रमण है। इनमें से 2 बीघा 19 बिस्वा भूमि बिलानाम तथा शेष यूआईटी की है। ट्रस्ट की तीन बीघा 7 बिस्वा भूमि भी कृषि है। इसका भू-उपयोग परिवर्तन भी नहीं करवाया गया। 
सरकारी भूमि पर ध्यान कुटिया 
उपखंड अधिकारी रामचरण शर्मा ने बताया कि आश्रम में ध्यान कुटिया, साधक निवास, रसोईघर, प्याऊ, साहित्य मंदिर, शिव मंदिर, सत्संग भवन बना है, जो सरकारी भूमि में हैं। 
यूआईटी भी दे चुका नोटिस 
नगर विकास न्यास की एक बीघा 16.50 बिस्वा जमीन पर भी नाजायज कब्जा कर लिया। यह जमीन न्यास को स्मृति वन के लिए आवंटित की गई थी।आम रास्ते को भी नहीं छोड़ा। यूआईटी ने आसाराम आश्रम ट्रस्ट को तीन दिन में अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए। इसकी सीमा मंगलवार को ही खत्म हो गई। 
 
आज हो सकती है कार्रवाई 
तहसीलदार कोर्ट के आदेश के बाद प्रशासन ने आश्रम को तोडऩे की पूरी तैयारी कर ली है। यूआईटी व प्रशासन का संयुक्त अभियान गुरुवार को शुरू हो सकता है।

11 सित॰ 2013

विपक्ष जो चाहे कर लें, हम अपना काम करेंगे -राहुल


उदयपुर. कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी ने राजस्‍थान के उदयपुर में एक रैली कर चुनावी बिगुल फूंका तो विपक्षी बीजेपी ने भी चुनावों की तैयारियां शुरू कर दी हैं। खबर है कि सुषमा स्‍वराज को नरेंद्र मोदी की जगह बीजेपी चुनाव अभियान समिति का अध्‍यक्ष बनाया जा सकता है। वहीं, राहुल ने सलंबूर में चुनावी सभा में कहा, 'विपक्ष जो चाहे कर लें, हम अपना काम करेंगे। विपक्ष मानता है कि गरीब देश पर बोझ है लेकिन हम मानते है कि गरीबों के पसीने से देश आगे बढ़ता है। गरीब, आदिवासी, दलित का हम पर भरोसा है। इसलिए हम विपक्ष का विरोध करते है। मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि दिल्ली में आपके सिपाही बैठे है और आपकी लड़ाई हम लड़ेंगे संसद में।'
आज राजस्थान के आदिवासी रैली से मोदी की शहरी रैली का जवाब देंगे राहुल

नियमगिरी के रास्ते आदिवासियों में पैठ बनाने की कोशिश
 
ओडि़शा में 12 ग्राम सभाओं द्वारा वेदांता कंपनी के खिलाफ फैसला देने का जिक्र करते हुए राहुल ने कहा, आदिवासियों की जमीन विपक्ष बिना पूछे उद्योगपतियों को बांट रहा था। जबकि पहाड़ आदिवासियों के देवता थे और उनकी पूजा करते है वे लोग। गरीब आदिवासी कहां जाएगा, जब उसकी जमीन चली जाएगी। राहुल ने पंचायती राज कानून का जिक्र करते हुए कहा, आम आदमी आगे आए और कानून बनाने में शामिल हो।
उनका कहना था कि कांग्रेस पार्टी गरीबों के लिए रोजगार योजना और भोजन का अधिकार लेकर आई है। जब तक गरीब को भोजन नहीं मिलेगा। देश आगे नहीं बढ़ेगा। राहुल ने खाद्य सुरक्षा बिल, रोजगार गारंटी योजना के साथ साथ ट्राइबल एक्ट का जिक्र करते हुए केन्द्र सरकार की योजनाएं गिनाई।

राजस्‍थान में राहुल ने फूंका चुनावी बिगुल, सुषमा ले सकती हैं मोदी की जगहकेन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने रैली में जुटे लाखों लोगों को गुरु शिष्य परंपरा की कहानी सुनाई। इस कहानी के माध्यम से राहुल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी अपना काम करती रहेगी। विपक्ष को जो करना है कर लें।
 
आम आदमी की कहानी:
 
राजस्थान सरकार की निशुल्क दवा योजना और सस्ते दरों पर खाद्यान्न वितरण योजना की तारीफ करते हुए राहुल ने कहा कि यूपी में एक बार मैंने लोगों से पूछा कि भाई, कुछ अपनी जिंदगी के बारे में बताओ। उन्होंने ने कहा, राहुल जी हम लोग मजदूर आदमी जितना कमा नहीं पाते उतना दवाओं में चला जाता है। दो दिन काम करते है, लेकिन खाना नहीं मिलता। फिर बुखार आ जाता है और जो कमाये रहते वो दवाईयों में चला जाता है। आखिर में राहुल ने अपने आदिवासी समर्थकों को उनके स्वागत और नृत्य के लिए धन्यवाद दिया।