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Founder Editor(Print): late Shyam Rai Bhatnagar (journalist & freedom fighter) International Editor : M. Victoria Editor : Ashok Bhatnagar *
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29 जन॰ 2013

गोपालगढ़ मामले को लेकर कांग्रेस की चिंता बढ़ी


जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव निकट आते देख गोपालगढ़ मामला एक बार फिर गरमाने लगा है। कांग्रेस के वोट बैंक माने जाने वाले मुस्लिम समाज में गोपालगढ़ मामले के माध्यम से सेंध लगाने की तैयारी हो रही है।
एक तरफ जहां समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव और उनके बेटे अखिलेश यादव उत्तरप्रदेश से सटे गोपालगढ़ फायरिंग मामले को लेकर राजस्थान में सक्रिय हो गए,वहीं दूसरी तरफ दौसा के निर्दलीय सांसद डॉ.किरोड़ी लाल मीणा और पूर्व सांसद विश्वेन्द्र सिंह मिलकर मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लगाने की तैयारी कर रहे है। मीणा ने आज जयपुर में मुस्लिम समाज के लोगों के साथ शासन सचिवालय के पास धरना दिया और मौजूदा कांग्रेस सरकार को मुस्लिम विरोधी बताया।
उन्होंने गोपालगढ़ फायरिंग मामले में तत्कालीन जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक की गिरफ्तारी एवं मृतकों के परिजनों को आर्थिक पैकेज दिए जाने की मांग की। धरने में भरतपुर और अलवर जिलों के (मेव) मुस्लिम बड़ी तादाद में शामिल हुए। मीणा का प्रयास है कि मेव, मीणा और जाट वोट बैंक का समीकरण बनाकर गैर भाजपा एवं गैर कांग्रेसी सरकार बनाई जाए।
मीणा बाहुल्य माने जाने वाले करौली,सवाई माधोपुर, दौसा, अलवर जिलों की दो दर्जन विधानसभा सीटों पर किरोड़ी लाल मीणा ने पिछले तीन साल से ध्यान केन्द्रीत कर रखा है। उनका साथ दे रहे है पूर्व सांसद विश्वेन्द्र सिंह उनका भरतपुर एवं अलवर जिलों के जाटों पर प्रभाव है। अब मीणा ने गोपालगढ़ मामला उठाकर भरतपुर एवं अलवर की मुस्लिम (मेव)बाहुल्य आधा दर्जन विधानसभा सीटों पर अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश शुरू की है। इधर कांग्रेस भी अपने मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लगाने के हो रहे प्रयासों से सचेत हो गई।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को दिनभर पार्टी नेताओं के साथ इस मामले को लेकर बैठक की। कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी गोपालगढ़ मामले को खुद काफी सक्रिय रहे है। पिछले साल दस सितम्बर को एक तालाब को लेकर हुए विवाद और पुलिस फायरिंग में मुस्लिम समाज के दस लोगों की मौत के बाद राहुल गांधी ने खुद गोपालगढ़ का दौरा किया और मृतकों के परिजनों से मिले थे। उत्तर प्रदेश और हरियाणा से सटे भरतपुर के गोपालगढ़ में हुए इस घटनाक्रम को लेकर सोनिया और राहुल काफी चिंतित है।
पार्टी आलाकमान तक यह जानकारी पहुंची है कि गोपालगढ़ में दस लोगों की मौत से राजस्थान ही नहीं बल्कि यूपी और हरियाणा के मुस्लिम (मेव) समाज में काफी नाराजगी है।
गौरतलब है कि कांग्रेस के लिए गोपालगढ़ प्रकरण कांग्रेस सरकार के लिए कमजोर कड़ी है। पार्टी और सरकार नहीं चाहते कि इन दोनों विवादास्पद मुद्दों को इस समय तूल मिले। चुनावी साल में ये मुद्दे कांग्रेस के वोट बैंक को भी प्रभावित कर सकते है।
बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डॉ. चंद्रभान ने पार्टी के अल्पसंख्यक नेताओं से आग्रह किया है कि वे पार्टी से जुड़े नेताओं को सम्मेलन से दूर रखने में सहयोग करें। इधर अल्पसंख्यक संगठन जमीयत उलमा ए हिंद के महासचिव अब्दुल वाहिद खतरी की अगुवाई में पिछले दिनों बड़ी तादाद में मेव मुस्लिम समाज के लोग एकत्रित होकर दोषियों को सजा की मांग कर चुके है।

अल्पसंख्यकों ने बढ़ाई कांग्रेस की चिंता


जयपुर। कांग्रेस चिंतन शिविर से ठीक एक दिन पहले आज जयपुर में हुए अल्पसंख्यकों के सम्मेलन में कांग्रेस और राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार को साफ चेतावनी दी गई कि या तो वे संभल जाए नहीं तो आने वाले समय में मुश्किल हो सकती है। अल्पसंख्यक नेताओं ने यूपी और हरियाणा से सटे भरतपुर के गोपालगढ़ में पुलिस फायरिंग से हुई दस मुस्लिमों की मौत का जिम्मेदार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बताते हुए कांग्रेस आलाकमान से उन्हे तुरंत पद से हटाने की मांग की। मुस्लिम समाज ने आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव में सोच समझकर वोट देने पर मंथन किया।

चिंतन शिविर से एक दिन पूर्व हुए अल्पसंख्यक सम्मेलन में हुई राजनीतिक चर्चा और वोट का इस्तेमाल सोच-विचार करने के निर्णय ने कांग्रेस की चिंता बढ़ा दी है। कांग्रेस के वोट बैंक रहे मुस्लिम समाज की नाराजगी से चिंतित पार्टी आलाकमान ने मुख्यमंत्री का निर्देश दिए कि इस वर्ग की नाराजगी दूर करने के तत्काल प्रयास शुरू किए जाए।
सम्मेलन से एक दिन पूर्व बुधवार को और सम्मेलन सम्पन्न होने के बाद आज शाम कांग्रेस अध्यक्ष के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल एवं प्रदेश प्रभारी राष्ट्रीय महासचिव मुकुल वासनिक ने मुख्यमंत्री से हालात की जानकारी ली। सरकार और कांग्रेस के खिलाफ हुए सम्मेलन का जवाब देने के लिए सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों से जुडे विभिन्न आयोगों एवं बोर्ड अध्यक्षों की प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कराई गई। इसमें यह संदेश देने का प्रयास किया गया कि गहलोत सरकार ने अल्पसंख्यक समाज के लिए कई निर्णय किए है। सीएम और पार्टी नेतृत्व के निर्देश पर कांग्रेस के अल्पसंख्यक नेता पिछले दो दिन से इस प्रयास में जुटे है कि चिंतन शिविर के दौरान कहीं कोई विवाद उत्पन्न नहीं हो जाय।
चिंतन शिविर स्थल बिड़ला सभागार के ठीक सामने होटल हवेली में आज अल्पसंख्यक संगठन जमीयत उलेमा-ए-राजस्थान और मुस्लिम आरक्षण संघर्ष समिति के तत्वावधान में आरंभ अजमेर शरीफ दरगाह के सज्जादानशीन दीवान हजरत सय्यद जैनुअल आबेदीन ने दुआ करके किया। इस मौके पर जमीयत उलेमा-ए-हिंद के जनरल सेक्रेटरी मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कब तक नशे में रहेंगे। जब अंग्रेजों का शासन ही नहीं टिका, तो गहलोत कहां टिक पाएंगे। इस बात को केन्द्र सरकार को भी समझना होगा। अब्दुल वाहिद खतरी ने संगठन की मांगों पर विचार व्यक्त किए। इस मौके पर प्रदेशभर के मुस्लिम शामिल हुए।
संगठन के महासचिव अब्दुल वाहिद खतरी ने भरतपुर के गोपालगढ़ में पिछले साल पुलिस फायरिंग में दस लोगों की मौत के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि उन्ही के आदेश से गोली चली थी,इसलिए कांग्रेस उन्हे पद से हटाकर किसी अन्य नेता को मुख्यमंत्री बनाए नहीं तो मुस्लिम समाज विस.चुनाव में वोट देने से पूर्व सोच विचार करेगा।
उन्होंने मुसलमानों को आरक्षण दिए जाने की भी मांग की। इधर फिल्मकार महेश भट्ट ने मुसलमानों की मौजूदा स्थिति के लिए प्रदेश की कांग्रेस सरकार को चेताया कि अभी चिंतन शिविर में चेत जाए। मुसलमानों की स्थिति को गंभीरता से लें, वरना आने वाले समय में दिक्कत खड़ी हो जाएगी।
उन्होंने प्रदेश में हुए सांप्रदायिक दंगों को लेकर पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े किए और कहा कि मानसिकता बदलनी होगी। इसके लिए पुलिस को साइक्लोजिकल ट्रेनिंग की जरूरत है।
भट्ट फोरम फॉर मुस्लिम स्टडीज एंड एनालिसिस की ओर से प्रदेश और केन्द्र सरकार की मुस्लिम और उर्दू विरोधी नीतियों के खिलाफ जयपुर के शहीद स्मारक पर हुए धरने को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर राजस्थान उर्दू शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष अमीन कायमखानी ने कहा कि कांग्रेस की मुस्लिम विरोधी नीतियों से नरेन्द्र मोदी और अशोक गहलोत में कोई फर्क नहीं लगता।
उन्होंने कहा कि अब फासिस्ट पार्टी हो या लेफ्ट, सांप्रदायिक पार्टी हो या फिर जोड़-तोड़ की सरकार, सब चलेगी। लेकिन कांग्रेस को सत्ता में नहीं आने दिया जाएगा।

हाईकोर्ट ने गुर्जरों के आरक्षण पर लगाई रोक

जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने गुर्जरों सहित पांच जातियों को विशेष पिछड़ा वर्ग में पांच फीसदी आरक्षण देने के राज्य सरकार के फैसले पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट की रोक के बाद राजस्थान में एक बार फिर गुर्जर आरक्षण का मुद्दा गरमा गया है। गुर्जर नेताओं ने फिर से आंदोलन करने को लेकर रणनीति बनाना शुरू कर दिया। हाईकोर्ट की जयपुर पीठ में न्यायाधीश नरेन्द्र कुमार जैन और जे.के रांका की खण्डपीठ ने आरक्षण को चुनौती देने वाली मुकेश सोलंकी की जनहित याचिका पर आज फैसला सुनाया। कोर्ट अब इस मामले पर 19 फरवरी को सुनवाई करेगा। तब तक आरक्षण पर रोक रहेगी। अदालत ने विशेष पिछड़ा वर्ग में शामिल पांच जातियों की पक्षकार बनने की याचिका स्वीकार कर ली है। मामले पर सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि विशेष पिछड़ा वर्ग को पांच फीसदी आरक्षण देने से कुल आरक्षण 68 फीसदी हो गया है। यह निर्धारित फीसदी से अधिक है। यह असंवैधानिक है। राजस्थान सरकार ने हाल ही में गुर्जर सहित पांच जातियों को विशेष पिछड़ा वर्ग के तहत पांच प्रतिशत आरक्षण दिया था। पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने राजस्थान सरकार से 68 फीसदी आरक्षण को जायज ठहराने को कहा था। सोमवार को मामले पर सुनवाई के दौरान प्रार्थी पक्ष की ओर से अधिवक्ता आर.डी. रस्तोगी ने कहा था कि अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग खुद ही विकास अध्ययन संस्थान की रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं है। इस आरक्षण के लिए कैप्टन गुरविन्दर के माले में हाईकोर्ट के आदेश का भी पालन नहीं किया गया है। आयोग ने इस आरक्षण के लिए 25 जातियों पर तो निर्णय किया ही नहीं है। इसमें से पांच प्रतिशत आरक्षण पर रोक नहीं लगाई तो इसे लागू होने के बाद वापस लेना मुश्किल होगा। राज्य सरकार की ओर से केन्द्र सरकार की अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल इन्दिरा जयसिंह और सुप्रीम कोर्ट में राज्य के अतिरिक्त महाधिवक्ता मनीष सिंघवी ने कहा था कि इंद्रा साहनी प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट आदेश में 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण देने पर रोक नहीं लगाई है। उन्होंने याचिका पर सुनवाई नहीं करने का आग्रह किया और कहा कि याचिकाकर्ता को यह याचिका करने का अधिकार ही नहीं है। गुर्जर,बंजारा और गाडिया लोहार जातियों की ओर से भी वकीलों ने पैरवी की। गौरतलब है कि राजस्थान की राजनीति में तूफान मचाने वाले हिंसक गुर्जर आरक्षण आंदोलन में 72 लोगों की मौत हुई थी। करीब तीन साल तक अलग-अलग समय चले आंदोलन को लेकर राज्य में राजनीति भी काफी हुई थी,गुर्जरों ने आरक्षण मामले पर भाजपा से नाराजगी जताते हुए पिछले विस.चुनाव में खिलाफ मतदान किया था। अशोक गहलोत सरकार के सत्ता में आते ही फिर आंदोलन शुरू हुआ पूर्व न्यायाधीश आई.एस.इसरानी की अध्यक्षता में ओबीसी आयोग बनाया गया। आयोग ने लम्बी कसरत के बाद रिपोर्ट दी और फिर सरकार ने 30 नवम्बर 2012 को गुर्जर सहित पांच जातियों को विशेष पिछड़ा वर्ग में पांच प्रतिशत आरक्षण दिया था। इधर हाईकोर्ट के निर्णय के बाद एक बार फिर गुर्जर आरक्षण का मुद्दा गरमा गया है। गुर्जर नेताओं ने आज जयपुर में बैठक फिर से आंदोलन शुरू करने को लेकर चर्चा की। गुर्जरों के साथ सरकार की ओर से वार्ताकार रहे ऊर्जा मंत्री डॉ.जितेन्द्र सिंह का कहना है कि सरकार हाईकोर्ट के निर्णय का अध्ययन करेगी,सरकार की मंशा गुर्जर सहित अन्य पांच जातियों को आरक्षण देने की है। भाजपा नेता पूर्व मंत्री नाथूसिंह गुर्जर का कहना है कि आज के निर्णय से सरकार की मंशा साफ हो गई,सरकार गुर्जरों को आरक्षण देना ही नहीं चाहती थी,इसलिए ही गलत तरीके से ओबीसी आयोग से रिपोर्ट लेकर आरक्षण देने की खानापूर्ति की गई,जिस पर अब कोर्ट ने रोक लगा दी गुर्जर आरक्षण समन्वय समिति के मानसिंह गुर्जर,जवाहर सिंह और मंजू गुर्जर का कहना है कि समाज ने सरकार से गुर्जर आरक्षण को संविधान की 9वीं अनुसूची में सूचीबद्ध कराने का आग्रह किया था,इसकेि लिए विस.का विशेष सत्र बुलाया जाना जरूरी था,लेकिन राज्य सरकार ने गलत ढंग से आरक्षण दिया था,गुर्जर समाज इससे आहत है और कांग्रेस को आगामी चुनाव में इसका राजनीतिक जवाब दिया जाएगा। हाईकोर्ट के निर्णय के बाद कांग्रेस के गुर्जर नेता भी सक्रिय हो गए हे,चुनावी साल में आरक्षण पर रोक को पार्टी के लिए नुकसानदायक मानकर मुख्यमंत्री से हल निकालने का आग्रह कर रहे है।

इंसाफ न मिला तो छोड़ दूंगा देश, कमल हासन ने दी धमकी


चेन्नई। कमल हासन की फिल्म विश्वरूपम अपनी रिलीज को लेकर काफी समय से ही विवादों में घिरी हुई है। फिल्म की रिलीज से नाराज कमल हासन ने बयान दिया है कि अगर अब भी उन्हें इंसाफ नहीं मिला तो वह देश छोड़ देंगे। उन्होंने कहा कि उनकी फिल्म रिलीज की आड़ में राजनीति हो रही है। उन्हें राजनीति गेम का मोहरा बनाया जा रहा है।
i want justice or will leave the country: kamal hasanहासन ने कहा कि कोई भी फिल्म देश की एकता तोड़ने के लिए नहीं बनाई जाती है, इस फिल्म में भी ऐसा कुछ नहीं दिखाया गया है जिसे देश की एकता पर खतरा हो। उन्होंने कहा, मैं एक धर्मनिरपेक्ष देश चाहता हूं। फिल्म से जुड़े विवाद को लेकर बॉलीवुड भी काफी खफा हो रहा है।
इससे पहले मंगलवार को मद्रास हाई कोर्ट ने कनार्टक में फिल्म रिलीज पर से रोक हटा ली थी। लेकिन तमिलनाडु सरकार ने इस फैसले को चुनौती देते हुए डबल बेंच में अर्जी दायर की है। जिसकी सुनवाई आज दोपहर 2 बजे होगी।
गौरतलब है कि मद्रास हाईकोर्ट ने फिल्म की रिलीज पर लगी रोक हटा ली थी। फिल्म के शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए अदालत ने सिनेमा घरों के हॉल के बाहर धारा 144 लगाने का भी आदेश दिया है। राज्य पुलिस के आश्वासन के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच इस फिल्म को मंगलवार को रिलीज किया गया।
विश्वरूपम अब बगैर किसी कट के तमिलनाडु के सिनेमाघरों में दिखाई जा सकेगी। मंगलवार देर रात सुनवाई करते मद्रास हाईकोर्ट ने ये फैसला सुनाया था। कर्नाटक में फिल्म के एकमात्र वितरक एचडी गंगाराजू ने बताया कि फिल्म को बेंगलूर के 17 सिनेमाघरों समेत राज्य के 40 सिनेमाघरों में प्रदर्शित किया गया। उन्होंने कहा कि राज्य पुलिस ने फिल्म के शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए सुरक्षा प्रदान करने का आश्वासन दिया है।
फिल्म में मुस्लिम समुदाय को कथित तौर पर नकारात्मक तरीके से पेश करने के कारण तमिलनाडु में इसके प्रदर्शन पर दो सप्ताह तक की रोक लगी थी। हासन द्वारा इस प्रतिबंध के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई के बाद न्यायाधीश के वेंकटरमण ने शनिवार को फिल्म देखी थी।

आइबी का खुलासा, पाक ने हेमराज के हत्यारे को दिए 5 लाख


नई दिल्ली। पाकिस्तानी सेना कितनी अनैतिक है यह बात किसी से छुपी नहीं है। आज तक भारतीय शहीद सैनिक हेमराज का सिर पाक सरकार ने वापस नहीं किया है। मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक पाकिस्तान में इस कुकृत्य के लिए इनाम दिया गया है।
terrorist who beheaded Hemraj was awarded Rs 5 lakhsमेंढर में भारतीय जांबाज शहीद हेमराज का सिर कलम करने वाले लश्कर-ए-तैयबा के नामी आतंकी अनवर खान को आईएसआई और पाकिस्तानी सेना की तरफ से इस कायरतापूर्ण काम के लिए पांच लाख रुपये का इनाम मिला है। आईबी और रॉ के साथ मिलिट्री इंटेलीजेंस की गोपनीय जानकारी से यह खुलासा हुआ है। फोन इंटरसेप्ट से जुटाई गई जानकारी गृह मंत्रालय को दी गई है। खुफिया रिपोर्ट में बताया गया है कि शहीद हेमराज और सुधाकर की हत्या की प्लानिंग आइएसआइ और पाकिस्तान सेना ने लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद के साथ मिलकर बनाई थी। रॉ और मिलीट्री इंटेलिजेंस ने पूरे ऑपरेशन का खुलासा कर दिया है।
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में मौजूद आईएसआई की टाटापानी यूनिट के सूबेदार जब्बार खान ने पाक सेना की मुजाहिद रेजीमेंट के साथ इस घटना को अंजाम दिया। इस कायरतापूर्ण काम में लश्कर-ए-तैयबा के 10 और जैश-ए-मोहम्मद 5 के आतंकी शामिल थे। शहीद हेमराज का सिर काटने के लिए इनाम में पांच लाख रुपए का इनाम आतंकी अनवर को दिया गया। बताया जा रहा है कि इसने 1996 में भारतीय सेना के एक कैप्टन का सिर धोखे से काटा था।
खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की सीमा से जुड़े पाकिस्तानी इलाकों के युवकों की सेना में भर्ती की जा रही है। रिपोर्ट बताती है कि आतंकी संगठनों से जुड़े युवकों से सुरंग बिछाने, भारतीय सैनिकों को गोली मारने जैसे कुकृत्य पर इनाम दिया जा रहा है। सीमा पर सुरंग बिछाने के लिए पांच हजार रुपए का, सैनिक को गोली से मारने पर दस हजार रुपए का और सिर कलम करने पर पांच लाख रुपये का इनाम भी दिया जा रहा है।

गैंगरेप कर छात्रा को कुए में फेंका

जयपुर/दौसा/नांगल राजावतान। राजस्थान मे दौसा जिले के नांगल राजावतान थाना क्षेत्र के एक गांव में दो युवकों ने सोमवार रात करीब 8 बजे घर में अकेली पढ़ रही 10वीं की छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म किया। चिल्लाने पर उसे घर के बाहर 30 फीट गहरे सूखे कुए में फेंक दिया। पीडिता की आवाज सुनकर जुटे लोगों ने अभियुक्त गांव हामावास के उदयपाल मीणा व आनंद सिंह को दबोच लिया और जमकर पिटाई की।

पुलिस ने भीड़ के चंगुल से उन्हें छुड़ा कर गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने कुए में तड़प रही छात्रा को बाहर निकाल दौसा अस्पताल में भर्ती कराया। परिजन जिसे बाद में एसएमएस अस्पताल ले आए।

एसएमएस में मंगलवार शाम छात्रा का मेडिकल किया गया और पुलिस ने बयान दर्ज किए। पीडिता के पिता ने अभियुक्तों के खिलाफ बेटी से सामूहिक दुष्कर्म व जान से मारने के नियत से कुए में फेंकने का मामला दर्ज कराया है। पुलिस ने पिटाई से घायल एक अभियुक्त को दौसा अस्पताल में भर्ती कराया है।

मामले की जांच लालसोट वृत्त के उपाधीक्षक दिनेश अग्रवाल कर रहे हैं। पुलिस के मुताबिक छात्रा रात आठ बजे घर में अकेली पढ़ रही थी। उसके माता-पिता घर के बाहर बगल में चक्की पर गेहूं पीस रहे थे। तभी पड़ोसी गांव हामावास के उदयपाल मीणा (30) व आनंद सिंह (30) ने दरवाजा खटखटाया। पीडिता ने गेट खोला तो उसका मुंह भींचकर कमरे में धकेल ले गए और दुष्कर्म किया। बाद में किशोरी को कुए में धकेल दिया। पीडिता की आवाज सुनकर भाग रहे अभियुक्तों को स्थानीय लोगों ने दबोच लिया।

पहले भी दुष्कर्म का आरोप
दौसा के रामगढ़ पचवारा थानाप्रभारी बनवारीलाल मीणा ने बताया कि 2011 में उदयपाल मीणा के खिलाफ एक महिला के अपहरण और दुष्कर्म का मामला दर्ज किया गया था। इसमें वह छह महीने पहले ही जेल से छूटकर आया है। उधर जयपुर पहुंचे किशोरी के रिश्तेदारों ने बताया कि अभियुक्त रसूखदार होने के कारण आए दिन गुण्डागर्दी करते हैं। महिलाओं और युवतियों को जीना दूभर कर रखा है।

देखते रहे सैकड़ों लोग
थानाप्रभारी लक्ष्मीकांत शर्मा के मुताबिक मौके पर पहुंचे, तब सैकड़ों लोग एकत्र थे। लेकिन किसी ने भी कुए में तड़प रही छात्रा को बाहर नहीं निकाला। रात करीब दस बजे छात्रा को कुए से बाहर निकाल अस्पताल पहुंचाया। 

गवर्नमेंट हॉस्टल का भी मांग लिया पट्टा

Police-Commissioner-Office-jaipurजयपुर, 28 जनवरी।
प्रशासन शहरों के संग अभियान के दौरान सरकार के ‘सभी को पट्टा देने के दावे सरकार पर ही भारी पड़ सकते हैं। ऐसे ही एक मामले में पुलिस कमिश्नर कार्यालय ‘गवर्नमेंट हॉस्टल के परिसर का भी पट्टा लेने का आवेदन नगर निगम में कर दिया गया।
मजेदार बात यह है कि इस आवेदन के बाद पटवारी की रिपोर्ट भी हो गई और प्रक्रिया आगे बढ़ गई। बाद में निगम अधिकारियों ने जब मौका मुआयना किया तो मामला खुला।
दरअसल ‘गवर्नमेंट हॉस्टल परिसर में वर्तमान कमिश्नर कार्यालय के पीछे की ओर बने कमरों में रह रहे परिवारों के सदस्यों में से 4 लोगों ने निगम में स्टेट ग्रांट एक्ट के तहत पट्टे लेने के लिए आवेदन कर दिया। आवेदन के बाद पटवारी ने इस संबंध में मौका रिपोर्ट भी कर दी कि उक्त भूमि आबादी भूमि है और पत्रावली आगे बढ़ा दी गई। बाद में निगम की सिविल लाइन जोन के राजस्व अधिकारी और संबंधित एईएन ने मौका मुआयना किया तो पता चला कि स्टेट ग्रांट एक्ट के तहत जो पट्टा मांगा गया है वह पुलिस कमिश्नर कार्यालय परिसर की जमीन का है।
अब अधिकारी परेशान हैं कि पुलिस कमिश्नर कार्यालय परिसर (गवर्नमेंट हॉस्टल) की जमीन का पट्टा आखिर जारी कैसे करें? अब जांच का विषय यह है कि आखिर इस आवेदन की पत्रावली ही जमा कैसे कर ली गई क्योंकि स्टेट ग्रंाट एक्ट के तहत पट्टों में कम से कम 40 साल का कब्जा दर्शाना जरूरी होता है और यदि कब्जा भी दर्शा दिया तो कम से कम मौके का पता देखकर तो पत्रावली जमा करने से पहले जांच की ही जानी चाहिए थी। अब निगम अधिकारी इस बात पर भी माथापच्ची करने में जुटे हैं कि पटवारी ने भी किस आधार पर इसे आबादी भूमि माना और कैसे इन कब्जों को जायज मानकर पट्टे के लिए पत्रावली आगे चला दी। अधिकारियों के सामने परेशानी इस बात की है कि इस परिसर की जमीन का पट्टा कैसे दिया जाए, जहां सालों से सरकारी कार्यालय चल रहे हैं।

भगवान भरोसे आवेदन

नगर निगम में इन दिनों इसी अंदाज में पट्टों के आवेदन स्वीकार किए जा रहे हैं। कुछ जोनों में आवेदक को कोई जानकारी नहीं दी जा रही है, कागज लेकर आने वालों को फाइल लेकर रसीद दे दी जाती है। वहीं, कुछ जोनों में पत्रावलियों को लेकर खासी माथापच्ची की जा रही है। इसके बाद भी इस तरह की घटनाएं हो रही हैं। इसी तरह से आवेदनों के निस्तारण के हाल भी बेहाल हैं। भारी संख्या में आवेदन लंबित हो चले हैं लेकिन उन पर अभी तक तो संबंधित अधिकारी-कर्मचारी की रिपोर्ट तक नहीं हो पाई हैं। एम्पावर्ड कमेटी के स्तर पर भी पत्रावलियों का अनुमोदन समय पर नहीं हो पा रहा है।
करीब 4 आवेदन यहां की जमीन के पट्टे के लिए स्टेट ग्रांट के तहत किए हैं। पटवारी ने आबादी भूमि की रिपोर्ट भी कर दी। हमने मौका देखा तो मामला खुला। कुछ परिवार हैं जिन्हें कभी साफ-सफाई के लिए यहां रखा होगा, जिन्होंने अब पट्टे के लिए ही आवेदन कर दिया।
दिनेश पारीक, राजस्व अधिकारी,

ईरान ने दुनिया को चौंकाया, बन्दर को कराई अंतरिक्ष की सैर !


ईरान ने एक बंदर को अंतरिक्ष में भेजने का दावा किया है। यहां के सरकारी चैनल पर बंदर के सफलतापूर्वक अंतरिक्ष से वापस आते दिखाया गया है। ईरान की इस उपलब्धि पर पश्चिमी देशों ने चिंता जाहिर की  है।
इन देशों का कहना है कि ईरान अपने अंतिरिक्ष कार्यक्रम के बहाने अपनी मिसाइल क्षमता को बढ़ा रहा है। ये मिशाइल परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम होंगे।
ईरान का कहना है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण कार्यो के लिए है।
ईरान का यह अभियान उसके मनुष्य को अंतरिक्ष में भेजने के अभियान का हिस्सा है। ईरानी सरकार 2019 तक मनुष्य को अंतरिक्ष में भेजना चाहती है। इसी अभियान के तहत 2010 में भी एक कछुए चूहे और कीड़ों को अंतरिक्ष में भेजा था, लेकिन ये अभियान असफल रहा था। 2009 में पहली बार ईरान ने अपने देश में बना उपग्रह अंतरिक्ष में भेजा था।
 

डंडाराज नहीं चलेगा : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान


भोपाल.  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि चौबीस घंटे बिजली देने की शुरुआत होने के बाद आधे घंटे की कटौती भी नहीं की जाए।
 
यदि उपभोक्ताओं को निरंतर बिजली मिलेगी तो वे पैसा देने में रुलाएंगे नहीं। चौहान ने शनिवार को प्रशासन अकादमी में ऊर्जा विभाग की समीक्षा के दौरान इंजीनियरों को नसीहत देते हुए कहा कि जनता का सामना करो, उनसे बचने की कोशिश मत करो। बिजली के मामले में अब डंडाराज नहीं चलेगा। 
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि 24 घंटे बिजली देने की शुरुआत जबलपुर से हो रही है। इसके बाद अन्य जिलों को नंबर आएगा। सीएम ने स्पष्ट किया कि जनता के किया वादा हर हाल में पूरा किया जाएगा। लोग ऐसा मानते हैं कि सीएम बनने के बाद किसी भी योजना की शुरुआत करने में सीएम उत्साह दिखाते हैं और धीरे-धीरे जोश ठंडा हो जाता है। ऐसा बिल्कुल नहीं है।
 
उन्होंने कहा कि प्रदेश को 24 घंटे बिजली देने में कोई व्यवधान उत्पन्न न हो, इसके लिए फीडर सेपरेशन का काम शत-प्रतिशत करना होगा और मैदानी और निचले अमले को ट्रेनिंग देना होगी। बिजली मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि जबलपुर के बाद बुरहानपुर, इंदौर, रतलाम, अशोक नगर व श्योपुर का नंबर है। जून तक प्रदेश के तमाम जिलों में 24 घंटे बिजली की सप्लाई शुरू कर दी जाएगी।
 
उन्होंने बताया कि प्रदेश को 2014 में 61 हजार 448 मिलियन यूनिट बिजली की जरूरत है जबकि उपलब्धता 64 हजार 985 मिलियन यूनिट है। इसलिए बिजली की कोई कमी नहीं है। बिजली की हानि रोकनी होगी। इस मौके पर ऊर्जा सचिव मोहम्मद सुलेमान, प्रशासन अकादमी की महानिदेशक आभा अस्थाना भी मौजूद रहीं। 
 
कोई जरूरी बात हो तो बताओ  
 
जब बिजली मंत्री शुक्ल का भाषण चल रहा था, उसी समय मुख्यमंत्री के सचिव विवेक अग्रवाल ने एक जरूरी फोन कॉल की सूचना मुख्यमंत्री को दी। मुख्यमंत्री ने बीच कार्यक्रम में संबंधित से बात की। दीर्घा में सिर्फ इतना सुनाई दिया कि मीटिंग में हूं..। कार्यशाला में बैठा हूं..। कोई जरूरी बात हो तो बताओ..। इस दौरान बिजली मंत्री समेत पूरे कक्ष में चुप्पी छाई थी।

एक घंटे में 73 विमानों का परिचालन कर आईजीआई एयरपोर्ट ने बनाया रिकॉर्ड


नई दिल्ली. महज एक घंटे के भीतर 73 विमानों का परिचालन कर इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट ने एक नया रिकॉर्ड कायम किया है।
अब आईजीआई एयरपोर्ट देश का इकलौता ऐसा एयरपोर्ट बन चुका है जहां से 50 सेकेंड से भी कम अंतराल में दो विमानों का परिचालन किया गया है।
सामान्य रूप से दो विमानों के लैंडिंग/टेकऑफ के बीच करीब दो मिनट का अंतराल रखा जाता है। आईजीआई एयरपोर्ट के एयर ट्रैफिक कंट्रोल में तैनात अधिकारियों ने अपनी कार्यकुशलता का परिचय देते हुए दो मिनट के अंतराल को 50 से भी कम सेकेंड के अंतराल में तब्दील करने में सफलता हासिल कर ली है।
आईजीआई एयरपोर्ट की निजी संचालक संस्था डायल के सीईओ आई. प्रभाकर राव ने बताया कि आईजीआई एयरपोर्ट पर एटीसी ने यह कीर्तिमान 24 जनवरी की दोपहर दो से तीन बजे के बीच स्थापित किया। इस दौरान दोपहर दो से लेकर ढाई बजे तक एटीसी के पास विमानों के परिचालन के लिए सिर्फ दो ही रन-वे उपलब्ध थे।
जबकि दोपहर ढाई से लेकर तीन बजे तक अगले आधे घंटे के दौरान एटीसी को विमानों के परिचालन के लिए तीनों रन-वे उपलब्ध करा दिए गए थे।
एटीसी, डायल और एयरलाइंस के संयुक्त प्रयासों के फलस्वरूप पहली बार आईजीआई एयरपोर्ट पर महज एक घंटे के भीतर 73 विमानों की लैंडिंग/टेकऑफ कराने में सफलता हासिल की गई।
राव के अनुसार आईजीआई एयरपोर्ट से प्रतिदिन करीब 814 विमानों का आवागमन होता है। इनमें यात्री विमानों के साथ कार्गो विमान भी शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि वर्तमान समय में आईजीआई एयरपोर्ट 25-40 मिलियन पैसेंजर की कैटेगरी में विश्व का दूसरा सर्वश्रेष्ठ एयरपोर्ट है।
एटीसी, डायल एवं एयरलाइंस की यह सफलता आईजीआई एयरपोर्ट की विश्व रैंकिंग को बढ़ाने में भी मददगार साबित होगी।

JLF: अवार्ड जीतने वाले लेखक ने मंच से 15 मिनट तक पढ़ीं गालियां



जयपुर.  जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का अंतिम दिन भी विवादों के साये में रहा। डीएससी लिटरेरी अवार्ड जीतने वाले लेखक जीत थायिल ने सोमवार को अपने उपन्यास नारकोपोलिस के कुछ ऐसे अंश पढ़े, जिनमें जमकर गालियां लिखी थीं।
 JLF: अवार्ड जीतने वाले लेखक ने मंच से 15 मिनट तक पढ़ीं गालियां
केरल में जन्मे और विदेश में पढ़े थायिल डिग्गी पैलेस के मुगल टैंट में सुबह 10 बजे के सेशन ‘ए रिबेल स्टेट’ में बालचंद नेमाडे के साथ वक्ता के रूप में थे। उन्होंने उपन्यास के अंश पढ़ने से पहले कहा, मैं माफी चाहता हूं। जो मैं अब पढ़ने जा रहा हूं, उस पर बहुत से लोगों को आपत्ति हो सकती है, लेकिन ये मेरी किताब के एक पात्र की ओर से कहे अंश हैं। उन्होंने इस अंश में बताया कि कैसे उनका पात्र अलग-अलग स्थानों और स्थितियों में लोगों से व्यवहार करता और ये अभद्र शब्द कहता है। 
 
थायिल की ओर से ऐसे शब्द करीब 15 मिनट तक पढ़े गए। उन्होंने कहा कि ऐसे शब्द आमतौर पर मुंबई जैसे शहरों में प्रचलित हैं और इन्हें अंग्रेजी साहित्य में आपत्तिजनक नहीं माना जाता।
 
पिछली बार भी विवादों में रहे थे
 
पिछले वर्ष थायिल और अन्य साथी सलमान रुश्दी की विवादित किताब सैटेनिक वर्सेज के अंश पढ़ने से विवाद में आ गए थे।
 
सेशन के बाद बात करने से भी इनकार
 
सेशन खत्म होने के बाद जब थायिल से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने इनकार कर दिया। बाद में उनके लिटरेरी एडवाइजर डेविड गॉडविन ने स्पष्टीकरण दिया कि यह कोई विवाद का मामला नहीं है। थायिल ने तो सिर्फ अपनी किताब के अंश पढ़े हैं।
 
पांच दिन, तीन विवाद
 
25 जनवरी को गीतकार प्रसून जोशी ने कृष्ण को ईव टीजर (छेड़छाड़ करने वाला) बताया था।
26 जनवरी को आशीष नंदी ने एससी, एसटी और ओबीसी को भ्रष्ट कहा था।
 
आशीष नंदी प्रकरण में आयोजकों को नोटिस
 
 
लेखक आशीष नंदी के विवादित बयान के मामले में पुलिस ने जेएलएफ आयोजकों को पूछताछ के लिए नोटिस दिया है।
आयोजकों से कुछ दस्तावेज भी प्रस्तुत करने को कहा है। सेशन के वीडियो फुटेज के आधार पर पूछताछ होगी।
राष्ट्रीय एससी आयोग के अध्यक्ष पी एल पुनिया ने राजस्थान सरकार को नोटिस भेजकर पूछा है कि नंदी और आयोजक संजोय रॉय को 
अभी तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया है?
 
पुलिस की भी लापरवाही उजागर
 
26 जनवरी को नंदी ने एससी-एसटी और ओबीसी को भ्रष्ट बताया था। केस दर्ज होने के बाद नंदी २७ को दिल्ली चले गए। तीन दिन बाद भी पुलिस ने कोई टीम दिल्ली नहीं भेजी है।
जांच एसीपी सुमित गुप्ता को सौंपी गई, जो कई दिनों से छुट्टी पर हैं। विरोध के बाद एडीसीपी प्रहलाद कृष्णिया को जांच सौंपी। अब पुलिस का कहना है कि जांच के लिए सीडी एफएसएल लैब भेजी जा रही है।
 
एडिशनल डीसीपी को जांच सौंपी
 
नंदी व संजॉय रॉय के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद जांच एसीपी सुमित गुप्ता को सौंपी गई थी, जो कई दिनों से छुट्टी पर हैं। लेकिन विभिन्न संगठनों के विरोध के चलते मामले की जांच एडीसीपी प्रहलाद कृष्णिया को सौंपी गई है।
 

जिन्‍ना से की शाहरुख के पिता की तुलना, भाजपा-शिवसेना का सवाल- पाकिस्‍तान को क्‍यों नहीं देते जवाब?


नई दिल्‍ली। भाजपा की फायरब्रांड नेता उमा भारती ने कहा है कि शाहरुख ने अपने कपड़े और जूते तक उतार लेने वाले देश अमरिका के खिलाफ कभी कुछ नहीं बोला और उन्हें भारत में रहने में समस्याहो रही है। वह (शाहरुख) कहते हैं कि उनके पिता फ्रीडम फाइटर थे तो क्या हुआ? जिन्ना भी थे। उन्हें (शाहरुख को) मलिक (रहमान) को जवाब देना चाहिए। उमा ने करगिल पर बेनकाब हुए पाकिस्‍तान के गृह मंत्री रहमान मलिक को अपने देश की चिंता करने की नसीहत भी दी।
जिन्‍ना से की शाहरुख के पिता की तुलना, भाजपा-शिवसेना का सवाल- पाकिस्‍तान को क्‍यों नहीं देते जवाब?शाहरुख खान के लिए सुरक्षा मांगे जाने संबंधी पाकिस्‍तानी गृह मंत्री के बयान का भारत में कड़ा विरोध हुआ है। तमाम राजनीतिक पार्टियों के साथ-साथ सरकार ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस ने कहा है कि पाकिस्‍तान पहले अपना घर ठीक करे, जबकि भाजपा ने मांग की है कि भारत मलिक के बयान का कड़ा औपचारिक विरोध दर्ज कराए और मलिक माफी मांगें। भारत सरकार की ओर से गृह सचिव आरके सिंह ने कहा है कि अपने नागरिकों की सुरक्षा करना हमारा काम है और हम उनकी सुरक्षा करने में सक्षम हैं। इस बारे में किसी को बताने की जरूरत नहीं है। हमें किसी नसीहत की जरूरत नहीं है। केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने मलिक के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि भारत में कानून सबके लिए बराबर है। पाकिस्तान को बयानबाजी से पहले अपने यहां हिंदुओं की सुरक्षा करनी चाहिए। 
भाजपा और शिवसेना ने इस मामले में शाहरुख के बयान की मांग की है। इन पार्टियों का कहना है कि शाहरुख को सोच-समझ कर लेख लिखना चाहिए था (उनके लेख के बारे में विस्‍तार से आगे के स्‍लाइड में दिया गया है)। शाहरुख ने इस बारे में मीडिया के सवालों का कोई जवाब नहीं दिया।
शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' के संपादक प्रेम शुक्‍ला ने कहा कि पाकिस्‍तान में आसिफ अली जरदारी और खुद रहमान मलिक जितने सुरक्षित नहीं हैं, उससे ज्‍यादा महफूज हिंदुस्‍तान में शाहरुख खान हैं। पाकिस्‍तान में जब सेना की बंदूकें तन जाती हैं तो आसिफ अली जरदारी को भागने के लिए विमान तैयार करना पड़ता है। पाकिस्‍तान में मस्जिद, दरगाह तक सुरक्षित नहीं है और वह हमारे स्‍टार को सुरक्षा दिए जाने की मांग कर अंतरराष्‍ट्रीय बिरादरी में भारत को बदनाम करने की सोची-समझी साजिश पर काम कर रहा है। 
शुक्‍ला ने कहा कि अब शाहरुख खान को बयान देना चाहिए और बताना चाहिए कि उनकी सुरक्षा की चिंता पाकिस्‍तान को करने की जरूरत नहीं है। उन्‍होंने कहा कि पाकिस्‍तान भारत के मुसलमानों को भड़ाकने की चाल चल रहा है। उसकी यह चाल नाकाम करते हुए भारत के मुसलमानों को आगे आना चाहिए और बताना चाहिए कि पाकिस्‍तान अपनी सुरक्षा कर ले, उसके लिए यही काफी होगा। हिंदुस्‍तान को नसीहत देने की उसे कोई जरूरत नहीं है।
शुक्‍ला ने आगे यह भी कहा कि अगर शाहरुख भारत में पैदा नहीं हुए होते तो इतने बड़े स्‍टार नहीं होते। भारत में ही होने के कारण शाहरुख, सलमान और आमिर खान इतने बड़े स्‍टार हैं। वरना इस्‍लाम में तो फिल्‍मों में काम करना हराम है और पाकिस्‍तान में हाफिज सईद जैसे कट्टरपंथी कहां उन्‍हें ऐसा करने देते।
प्रेम शुक्‍ला ने यह प्रतिक्रिया पाकिस्‍तानी गृह मंत्री रहमान मलिक के बयान पर दी है। मलिक ने कहा था कि भारत सरकार को शाहरुख को सुरक्षा मुहैया करानी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उन्‍हें धमकियां नहीं मिलें

फर्जी वीजा लेकर कतर जा रहा था, एयरपोर्ट पर पकड़ा गया


जयपुर. फर्जी वीजा लेकर एयरपोर्ट पहुंचे एक व्यक्ति को इमिग्रेशन टीम ने मंगलवार तड़के पकड़ लिया। यह व्यक्ति जयपुर एयरपोर्ट से शारजाह होकर कतर जाने का प्रयास कर रहा था। बाद में टीम ने इसे सांगानेर थाने को सौंप दिया। इसकी पुष्टि पुलिस ने की है।
एयरपोर्ट अधिकारियों ने सुबह करीब पांच बजे अजमेर के अलीपुर-पीसांगन निवासी हाकम अली खान जयपुर से एयर अरेबिया की फ्लाइट में बैठने के लिए आया। जब इमीग्रेशन विभाग ने इसके वीजा की जांच की तो वह फर्जी था। इमीग्रेशन के एडिशनल एसपी कल्याणमल मीणा ने बताया कि दो दिन पहले हाकम अली रोजगार वीजा लेकर एयर अरेबिया की फ्लाइट से शारजाह जा रहा था।
एयरलाइंस सिक्योरिटी ने इसे रोका, रोजगार वीजा के लिए प्रोटेक्टर ऑफ इमिग्रेंट (पीओई) का स्टीकर पासपोर्ट पर लगा हुआ होना चाहिए। पीओई नहीं होने के कारण एयर अरेबिया के अधिकारियों ने इसे लौटा दिया। फिर ये दूसरे दिन यानी मंगलवार सुबह दूसरा वीजा लेकर आ गया, जो विजिट वीजा था। जबकि विजिट वीजा में पीओई की आवश्यकता नहीं होती। इस पर इमीगे्रशन विभाग की टीम ने इसकी जांच की तो सामने आया कि हाकम के पास दोनों वीजा थे। दोनों ही वीजा एक ही नंबर के थे। ऐसा संभव नहीं है।
63 हजार में बनवाया वीजा
इमिग्रेशन टीम ने जब इससे पूछताछ की तो सामने आया कि अलीपुर गांव के ही एक एजेंट से उसने दोनों वीजा बनवाए हैं। उसने एजेंट को इसके बदले 63 हजार रुपए का भुगतान किया है। एजेंट ने पहले तो रोजगार वीजा बना दिया। जब पीओआई की बात आई तो दूसरा वीजा बना दिया और कहा कि कोई दिक्कत नहीं आएगी। ऐसे में वह वीजा लेकर आ गया।