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Founder Editor(Print): late Shyam Rai Bhatnagar (journalist & freedom fighter) International Editor : M. Victoria Editor : Ashok Bhatnagar *
A newspaper with bold, open and democratic ideas {Established : 2004}

30 जून 2012

मासूम कदमों को खींच ले गई मौत

city newsशिवदासपुरा। जयपुर-टोंक हाईवे से तीन किलोमीटर दूर सालिगरामपुरा गांव के पास शनिवार अपराह्न छह वर्षीय बालक पानी भरे गड्ढे में डूब गया, जिसे देर रात तक बाहर नहीं निकाला जा सका। माना जा रहा है कि बालक गड्ढे के तल में जमा दलदल में फंसा है। पुलिस व ग्रामीणों ने बताया कि बैरवा की ढाणी निवासी नानगराम बैरवा की बेटी सुमन (12) पास ही बकरियां चराने गई थी। उसके साथ छोटा भाई विशाल (6) भी था। विशाल खेलता हुआ गड्ढे के पास पहुंच गया और पैर फिसलने से उसमें जा गिरा। बहन को पता चला तो रोते हुए घर पहुंची। माता-पिता मजदूरी पर गए थे, इसलिए पड़ोसियों को बताया।
देर रात तक डीजल का इंतजार
सूचना पर पुलिस-प्रशासन के कई अघिकारी मौके पर पहुंचे। हालांकि, कोई आला अघिकारी देर रात तक नजर नहीं आया। बालक को खोजने के लिए गोताखोरों ने काफी प्रयास किए, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। गड्ढे का पानी निकालने के लिए स्थानीय लोगों के सहयोग से पम्पसैटों की व्यवस्था की गई, लेकिन डीजल नहीं होने से काम शुरू न हो सका। देर रात तक प्रशासनिक अमला डीजल का इंतजार करता रहा।
लालच में खोदा था गड्ढा
गोपीरामपुरा निवासी खेत मालिक रामधन मीणा ने गत वर्ष 50 मीटर लम्बाई व चौड़ाई में सात मीटर गहरा गड्ढा खुदवाया था। मीणा ने फार्म पोण्ड योजना में गड्ढे के एवज में अनुदान लेने के लिए कृषि विभाग में आवेदन किया था, जो उसे नहीं मिला।
...फिर खुला छोड़ दिया
कृषि विभाग के पर्यवेक्षक सत्यनारायण सेन का कहना है कि सड़क के पास गड्ढा होने से आवेदन निरस्त किया था। इसके बाद खेत मालिक ने अनहोनी रोकने के कोई इंतजाम नहीं किए। कृषि व राजस्व विभाग ने भी सड़क किनारे गड्ढा खोदने पर कोई कार्रवाई नहीं की।
...और कटर प्लेट ने ले ली जान
रामगंज स्थित लक्ष्मीनारायणपुरी में नगीने की घिसाई के दौरान कटर प्लेट टूटकर एक बालक के सीने में जा घुसी। घायल हालत में उसे सवाई मानसिंह अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। हादसे का शिकार रामजीत यादव (14) बिहार निवासी था। वह दो माह पहले ही जयपुर आया था। रामजीत यहां अपने जीजा अरविंद के साथ लक्ष्मीनारायणपुरी में रहता था। अरविंद किराए के मकान में नगीनों की घिसाई का काम करता है। शुक्रवार दोहपर करीब 12.30 बजे अरविंद, उसका भतीजा संतोष व रामजीत नगीना घिसाई का काम कर रहे थे।
अचानक कटर प्लेट टूटकर रामजीत के सीने में आ घुसी, प्लेट का दूसरा हिस्सा उछलकर लोहे के दरवाजे से टकराया। यह देख अरविंद और संतोष चीखते हुए बाहर भागे। शोर सुनकर पड़ोसी भी मौके पर पहुंच गए। घायल रामजीत को सवाई मानसिंह अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शनिवार को पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया।

तबादलों में ताक पर रखे नियम-कायदे

जयपुर1.7.2012। ऊंचे रसूख वाले शिक्षकों के तबादलों के लिए शिक्षा विभाग ने अपने ही नियम तोड़ डाले। जिन शिक्षकों की पहुंच थी, उनके लिए दूसरे शिक्षकों को जबरन हटा दिया गया। इन शिक्षकों के तबादला आदेश से सम्बंघित फाइलों पर की गई टिप्पणियां भी उनके रसूख की कहानी कह रही हैं। इन फाइलों पर बाकायदा टिप्पणी की गई है कि 'ऎसा उच्चाधिकारियों से प्राप्त सूचियों के कारण किया गया है।' शिक्षा विभाग ने तबादला नीति-निर्देशों के प्रमुख नियमों को भंग करके ऎसे शिक्षकों के भी तबादले कर दिए जो अभी परिवीक्षाकाल (प्रोबेशन) में चल रहे हैं।
कइयों को सिर्फ इसलिए पद से स्थानांतरित होना पड़ा क्योंकि वहां कोई ऊंची रसूख वाले शिक्षक ने अपना तबादला करा लिया। शिक्षा मंत्री बृजकिशोर शर्मा ऎसे तबादलों को मानवीय चूक मानते हैं। उनका कहना है कि ऎसा गलत मंशा से नहीं किया गया है।
किसी के लिए किसी को हटाया
 रामदेव जाट (सामाजिक विज्ञान) को सरनचौड़-झोटवाड़ा से हटाकर जैतपुरा स्कूल में लगाया गया, क्योंकि इनके स्थान पर लगने के लिए जैतपुरा स्कूल से रेणु यादव (सामा. विज्ञान) का नाम उच्चाधिकारियों की सूची में था।  इसी तरह से रूबी मौर्य (विज्ञान) को हसनपुरा से हटाया गया, गुढ़ाचक बस्सी स्कूल से आई हेमलता राठौड़ के कारण।
 भावना जैन (विज्ञान) को बोराज-दूदू से हटाकर मौखमपुरा-दूदू की स्कूल में लगाया गया, क्योंकि शिवनारायण चौधरी (विज्ञान) को उच्चाधिकारियों की सूची के अनुसार बोराज-दूदू लगाया गया।
 गोपाल लाल गोस्वामी (सामा. विज्ञान) को चाकसू स्कूल से हटाकर जानकीवल्लभपुरा (चाकसू) स्कूल भेजा गया, क्योंकि उनके स्थान पर लक्ष्मीनारायण शर्मा (सामा. विज्ञान) को लगाया गया।
 कामिनी सक्सेना (विज्ञान) श्योपुर (सांगानेर) स्कूल में पदस्थ थीं, जिन्हें पचार स्कूल से आने वाली अन्नु मोदी के कारण हटाया गया।
 कुलदीप कुमार मीणा (सामा. विज्ञान) का तबादला नांगल चौंपा (दौसा) जिले से श्योपुर (सांगानेर) स्कूल में किया गया, जबिक कुलदीप अभी परिवीक्षाधीन (प्रोबेशन) हैं। कुलदीप का नाम उच्चाधिकारियों से प्राप्त सूची में था।
 गीता मीणा (विज्ञान) का तबादला लालवास (जमवारामगढ़) से किरणपथ (मानसरोवर) स्कूल में किया गया, जबकि गीता भी परिवीक्षाधीन (प्रोबेशन) हैं। इनका नाम भी उच्चाधिकारियों से प्राप्त सूची में था।
 योगेन्द्र मोहन शर्मा (सामा. विज्ञान) का तबादला भी उच्चाधिकारियों की सूची के कारण नींदड़ स्कूल से रथखाना-गणगौरी बाजार किया।
 संगीता वर्मा (अंग्रेजी) का तबादला भानपुर कलां से शिकारपुरा स्कूल में किया गया।
(इन सभी शिक्षकों-शिक्षिकाओं के तबादले दो वर्ष से कम पदस्थापन के बावजूद कर दिए गए हैं)
मजाक बने दिशा-निर्देश
 दो वर्ष से कम पदस्थापन अवधि पर तबादले नहीं होंगे
 परिवीक्षाकाल (प्रोबेशन) में तबादले नहीं होंगे। ऎसे शिक्षक आवेदन के पात्र ही नहीं।
 तबादले में प्राथमिकता स्थान रिक्त होने पर
 प्रतिबंधित जिलों से तबादले नहीं
 पुरस्कृत शिक्षकों को इच्छित स्थान
 एकल शिक्षिकाओं को प्राथमिकता
 गंभीर रोगियों को प्राथमिकता


29 जून 2012

UNESCO grants Bethlehem church 'world heritage' status

Christian pilgrims visit the Church of Nativity in the Palestinian city of Bethlehem on June 28, 2012.
Christian pilgrims visit the Church of Nativity in the Palestinian city of Bethlehem on June 28, 2012.
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·       The Church of the Nativity in Bethlehem is now the first Palestinian world heritage site
·       The vote signals a loosening of Israeli control on Palestinian land, a Palestinian official says
·       "This is a real theater of the absurd," says an Israeli foreign office spokesman
·         U.S. and Israeli funding to UNESCO was cut over Palestinian membership

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A 14-point silver star set into the marble floor marks the precise spot where Jesus is said to have been born.
In the 4th century, Emperor Constantine founded a church on the site that was destroyed in the year 529, only to be replaced by larger structures, which form the basis of the church today.
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Jerusalem ><><><>>



 -- The United Nations body responsible for preserving the world's most important cultural sites voted Friday to grant "world heritage" status to the Church of the Nativity in the Palestinian city of Bethlehem.
The declaration by U.N. Educational, Scientific and Cultural Organization covers the West Bank church, venerated by Christians as the birthplace of Jesus, and the surrounding route taken by religious pilgrims.

It marks the Palestinians' first bid for inclusion on the prestigious list of sites deemed to hold "outstanding universal value" as part of the world's shared heritage.
It comes after Palestinians were granted membership of UNESCO last October, when the body's general assembly voted overwhelmingly to accept them.
The vote proved controversial within the United States, which holds the view that Palestinians must reach a peace deal with Israel before the Palestinian Territories can be granted full membership in international organizations.
The United States' and Israel's subsequent funding cut to the body caused UNESCO lose more than a fifth of its revenues.
The declaration, announced in the Russian city of St. Petersburg, was backed by 13 of the body's 21 members. Two countries abstained, while six countries voted against the declaration.
Palestinian Foreign Minister Riyad Malki, in St. Petersburg for the vote, thanked all those who voted in favor of including Bethlehem's holiest sites on the world heritage list.
"The victory of Palestine in international organizations is the beginning of the end of the Israeli occupation," Malki said in a statement.

Hanan Ashrawi, a member of the Palestine Liberation Organization's executive committee who heads the group's Department of Culture and Information, told CNN from Ramallah that the vote affirms the Palestinian identity and is one step toward Palestinian self-determination.
"Now we are responsible for our cultural and historical sites as part of human civilization as a whole," Ashrawi said.
"Politically it is important, because it is the beginning of the loosening of the control of the Israeli occupation on our land, on our lives, on our culture and at all attempts of confiscation and distortion of our cultural heritage and reality," Ashrawi said.
Israeli Foreign Ministry spokesman Yigal Palmor told CNN that Israel was opposed to the move.
"This is a real theater of the absurd. The Palestinians have stepped over the regular procedure of UNESCO and distorted the usual proceeding in order to vote a decision that has nothing to do with world heritage sites and even less to do with this site, the Church of the Nativity," he said.

"The only purpose of this unprecedented voting procedure was to turn the commission into a propaganda tool against Israel. This should be denounced by all member countries of UNESCO, otherwise this will not be the Palestinians' last word."

The West Bank city of Bethlehem, about 8 kilometers (5 miles) south of Jerusalem, is considered the Palestinian Territories' top visitor destination, largely due to the religious significance of the church.

One of the oldest surviving Christian churches in the world, it drew 2 million visitors last year, according to Nada Atrash, an architect and head of the research and training unit at Bethlehem's Center for Cultural Heritage Preservation, which has been lobbying for the site's designation as a World Heritage destination.
Atrash said the center considers Bethlehem's inclusion on the list "as a Palestinian dream, and as a reward of 11 years of work in the field of preserving the cultural and natural heritage in Palestine."

Visitor numbers have hit record highs in recent years but, according to a report into developing tourism in the town, Bethlehem has yet to properly capitalize on its potential. The majority of the visitors were day-trippers on short visits, meaning the full economic benefits of tourism did not flow into the town.

Atrash said it is hoped that gaining world heritage status will help efforts to boost Bethlehem's appeal as a destination and keep visitors in the town longer.
"We are mainly seeking to extend the stay of the visitors, who usually drop (in) to Bethlehem for few hours to visit the church and leave without visiting the town," she said. "We hope that this inscription would contribute to both the promotion of the site and its protection."
Concerns have been raised over the condition of the church, which has suffered extensive earthquake damage in its long history.

Another issues is that responsibility for its administration is shared among three religious authorities: the Greek Orthodox, Armenian and Roman Catholic churches.

On occasion, tensions among the groups have spilled over into violence; in December, about 100 Greek Orthodox and Armenian clerics fought with brooms when a tussle broke out while cleaning the church.

One of Christianity's most holy places, the site's focal point is the Grotto of the Nativity, a rectangular cavern beneath the church that has been considered the site of Christ's birth since at least the 2nd century.



कलाम तैयार थे सोनिया को प्रधानमंत्री बनाने के लिए

राकेश माथुर ><><><><><


पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने उस रहस्य पर से पर्दा उठा दिया है जो कई वर्षों से भारतीय राजनीति में घूम रहा था। अपनी आत्मकथा के अगले हिस्से "टर्निंग प्वाइंट" में उन्होंने बताया है कि इटली में जन्मी सोनिया गांधी को प्रधानमंत्री बनाने में उन्हें कोई आपत्ति नहीं थी। अब तक माना जाता रहा है कि उन्होंने ही सोनिया गांधी को प्रधानमंत्री नहीं बनने दिया।

सोनिया ने चौंकाया

पूर्व राष्ट्रपति डा. कलाम ने इस किताब में लिखा है कि उनके कार्यालय ने तो सोनिया गांधी को प्रधानमंत्री के रूप में सरकार बनाने का न्योता देने का पत्र तैयार कर लिया था। लेकिन खुद सोनिया गांधी ने मनमोहन सिंह का नाम प्रस्तावित कर उन्हें चौंका दिया था।
 "यह निश्चित रूप से मुझे और राष्ट्रपति सचिवालय को चौंकाने वाला कदम था क्योंकि सचिवालय को अब मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री नियुक्ति करने के लिए नया पत्र बनाने के लिए मेहनत करनी पड़ी।"

हजारों ई-मेल 

डा. कलाम ने लिखा है कि उन्हें व्यक्तियों, संगठनों और दलों से हजारों ई-मेल और पत्र मिले थे कि सोनिया गांधी को प्रधानमंत्री बनाने का दावा स्वीकार न किया जाए। वे सभी पत्र उन्होंने बिना कोई टिप्पणी लिखे सरकार की विभिन्न एजेंसियों को उनकी सूचना के लिए भिजवा दिए थे। "मुझसे मिलने आने वाले राजनेता रोज दबाव डाल रहे थे कि सोनिया गांधी को प्रधानमंत्री न बनाया जाए।"  डा. कलाम ने लिखा है कि "अगर सोनिया गांधी खुद प्रधानमंत्री बनने का प्रस्ताव रखतीं तो राष्ट्रपति के रूप में वे उन्हें मना नहीं कर सकते थे।"

इस्तीफा तैयार रखा था

डा. कलाम ने यह राज भी खोला है कि बिहार विधानसभा को आधी रात को भंग करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उन्होंने अपना इस्तीफा लिख लिया था। बाद में प्रधानमंत्री के आग्रह पर उन्होंने वह विचार छोड़ दिया। सुप्रीम कोर्ट ने 23 मई 2005 को बिहार विधानसभा भंग किए जाने को असंवैधानिक करार दिया था।
डा. कलाम ने लिखा है कि वे मास्को में थे जब प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह ने उन्हें दो बार फोन किया और बताया कि राज्यपाल की सलाह पर कैबिनेट ने बिहार विधानसभा भंग करने का निर्णय किया है। डा. कलाम ने यह भी लिखा है कि उन्होंने प्रधानमंत्री से पूछा था कि इसकी इतनी जल्दी क्या है। वह तो छह माह के लिए पहले ही निलंबित है। लेकिन बाद में वे मान गए क्योंकि उन्हें लगा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विधानसभा भंग करने का निश्चय कर लिया है वह पलटने वाली नहीं है।
वे मानते हैं कि "कोर्ट में सरकार ने अपना पक्ष सही ढंग से नहीं रखा इसलिए कोर्ट ने कैबिनेट के खिलाफ सख्त टिप्पणी की। और उसकी जिम्मेवारी मुझे लेनी पड़ी।"

चीन की प्रथम महिला यात्री 13 दिन बाद पृथ्वी लौटी

 
Chinese astronauts Jing Haipeng (C), Liu Wang (L) and Liu Yang, China's first female astronaut, salute in front of the re-entry capsule of China's Shenzhou 9 spacecraft.

लास्ट टर्मिनल संवाददाता। बीजिंग

अंतरिक्ष में 13 दिन परिक्रमा करने के बाद चीनी अंतरिक्ष यान शनचो -9 के तीनों अंतरिक्ष यात्री च्येंग हाईफेंग, ल्यू वांग और ल्यू यांग 29 जून को सुबह सकुशल देश के भीतरी मंगोलिया के लैंडिंग स्थल पर उतरे। यह इस का प्रतीक है कि शनचो नौ और थ्येनकुंग एक की डॉकिंग पूरी तरह सफल हुई है।

शनचो नौ की मौजूदा उड़ान में चीन के अंतरिक्ष यात्रा कार्य में अनेक प्रथम कामों को अच्छा अंजाम दिया गया है। ये हैं-

- पहली बार दो अंतरिक्ष यानों की मानव नियंत्रित डॉकिंग की गयी।
- पहली बार महिला चीनी अंतरिक्ष यात्री को आकाश में भेजा गया
- पहली बार थ्येयकुंग एक अंतरिक्ष यान का द्वार खोलने का काम पूरा किया गया
- पहली बार चीनी लोग अंतरिक्ष में 13 दिन घूमे।
- पहली बार अंतरिक्ष में साइकिल चलाने का अनुभव किया गया।
- पहली बार धरती और अंतरिक्ष के बीच ई-मेल का आदान-प्रदान हुआ।
- पहली बार धरती और अंतरिक्ष के बीच वीडियो कांफ्रेंसिंग हुई।

इन विशेष सफलताओं से चीन के मानव सहित अंतरिक्ष यात्रा तेजी से सफलता की सीढ़ियां चढ़ी है। चीन विश्व का ऐसा तीसरा देश बन गया है जिसने स्वचालित रूप से और हस्त कंट्रोल से दो अंतरिक्ष यानों की डॉकिंग की तकनीकों में महारत हासिल की है। चीन के भावी अंतरिक्ष स्टेशन की स्थापना के लिए अहम आधार तैयार हो गया है।

थ्येनकुंग एक का द्वार खोलने में सफलता मिलने से चीनी अंतरिक्ष यात्री अब आसानी से अंतरिक्ष में 8 महीनों तक घूमते रहने के लिए थ्येन कुंग एक में प्रविष्ट हो सकेंगे और उसमें वैज्ञानिक परीक्षण कर अहम तकनीकी उपलब्धियां हासिल कर सकेंगे।

13 दिन तक अंतरिक्ष में परिक्रमा करने की सफलता से भावी चीनी अंतरिक्ष यात्रियों के लिए लम्बे समय के लिए आकाश में रहने और काम करने के अनुभव अर्जित हुए और चीनी अंतरिक्ष यात्रियों के अंतरिक्ष में अल्पकालीन ठहरने से दीर्घकालीन ठहरने तक के लिए आधार तैयार हुआ।

प्रथम महिला चीनी अंतरिक्ष यात्री के अंतरिक्ष में जा पहुंचने का अहम सामाजिक व वैज्ञानिक महत्व है, जिस पर विश्व में काफी बड़ी प्रतिक्रियाएं हुई हैं।

चीन को यह उपलब्धि आसानी से नहीं मिली। वह चीनी अंतरिक्ष यात्रियों की कड़ी मेहनत और अथक ट्रेनिंग का सुफल है।
मौजूदा अंतरिक्ष यात्रा में हाथों से दोनों यानों को आपस में जोड़ने की तकनीक अत्यन्त कठिन है। हाथ से डॉकिंग का काम करने वाले अंतरिक्ष यात्री ल्यू वांग ने भूमि पर इस के लिए 1500 से अधिक ट्रेनिंग की थीं, उन की सटीकता शत प्रतिशत हुई। इस काम के लिए अंतरिक्ष यात्री की आपात घटने का निपटारा करने की क्षमता तथा तेज प्रतिक्रिया करने की प्रतिभा की आवश्यकता है।
 24 जून को शनचो नौ और थ्येनकुंग एक की हस्त नियंत्रण से डॉकिंग न केवल अचूक रही, साथ ही इस काम में स्वचालित ड़ॉकिंग से तीन मिनट का समय भी बचा।
प्रथम महिला चीनी अंतरिक्ष यात्री ल्यू यांग के अंतरिक्ष में जा पहुंचने और वहां 13 दिन जीवन बिताने व काम करने का बड़ा महत्व होता है। विदेशी अंतरिक्ष यात्रा में प्राप्त अनुभवों और वैज्ञानिक अनुसंधान से जाहिर है कि महिला आकाश के विशेष वातावरण के अच्छे अनुरूप हो सकती है, एकांतता को ज्यादा सहन सकती है और मनोदशा ज्यादा स्थिर रह सकती है। वे अंतरिक्ष यात्रा के लिए सक्षम होती है और संवेदनशील रहती है और बारीकी चिन्तन कर सकती है। 
अंतरिक्ष में महिलाओं के शारीरिक, मनोवैज्ञानिक तथा मेडिकल अनुसंधान से भावी अंतरिक्ष यात्रा के लिए अहम संदर्भ सूचनाएं प्राप्त हुई हैं।

इस अंतरिक्ष यात्रा में अंतरिक्ष यात्रियों के जीवन पर बड़ा ध्यान दिया गया है। अंतरिक्ष यान में महिला की सुविधा के लिए वैज्ञानिकों व तकनीशियनों ने यान में अनेक सुधार किए, स्पेस सूट, कु्र्सी, वस्त्र, सफाई की चीजें और मूत्र-मल इक्ट्टे करने के उपकरण आदि विशेष तौर पर बनाए गये, इन के अलावा महिला अंतरिक्ष यात्री की विशेष पसंद के लिए चॉकलेट, मिठाई और पोषक खाद्य तैयार कर रखे गए।

अंतरिक्ष यानों की सफल डॉकिंग के लिए चीनी विशेषज्ञों ने शनचो नौ के लिए 328 समस्याओं व बाधाओं को दूर करने के तरीकों व उपायों का डिजाइन किया है और हस्त कंट्रोल से डॉकिंग की सफलता के लिए 17 समाधान मसौदे तैयार किए हैं। इन सभी तैयारियों से डॉकिंग, जीवन और वैज्ञानिक परीक्षण की गारंटी हो गयी है।

डॉ. कोटनिस की पत्नी क्वो छिंग लान का निधन

Guo Qinglan and, at right, a poster of the film Dr. Kotnis Ki Amar Kahani.

 
बीजिंग।लास्ट टर्मिनल संवाददाता
चीन के मित्र के रूप में प्रसिद्ध डॉक्टर द्वारकानाथ कोटनिस की पत्नी क्वो छिंग लान के निधन पर चीन सरकार ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए उनके परिजनों व भारत में डॉ. कोटनिस के परिजनों को संवेदना दी है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता होंग लेई ने 29 जून को पेइचिंग में संवेदना व्यक्त की।
रिपोर्ट के मुताबिक चीन की सहायता करने वाले भारतीय डॉ. द्वारकानाथ कोटनिस की पत्नी क्वो छिंग लान का निधन 28 जून को उत्तर-पूर्व चीन के ल्याओ निंग प्रांत के ता ल्येन शहर में हुआ, वे 96 वर्ष की थी।
होंग लेई ने कहा कि डॉ. कोटनिस ने चीन के राष्ट्रीय मुक्ति कार्य में अपनी जान दी है। सुश्री क्वो छिंग लान ने अपने पूरे जीवन में डॉ. कोटनिस के अधूरे कार्यों को पूरा करते हुए चीन-भारत मैत्रीपूर्ण आदान-प्रदान व सहयोग बढ़ाने में व्यापक योगदान दिया है। चीन हमेशा डॉक्टर कोटनिस व सुश्री क्वो छिंग लान के अहम योगदान को याद करेगा।

28 जून 2012

गुर्जर फिर आंदोलन की राह पर

जयपुर। आरक्षण की मांग को लेकर गुर्जर फिर आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। जिसकी रणनीति बनाने के लिए पांच जुलाई को दौसा जिले के सिकन्दरा स्थित देवनारायण मंदिर में महापंचायत बुलाई गई है। गुर्जर समाज की ओर से पूर्व विधायक अतर सिंह भडाना, पूर्व मंत्री नाथूसिंह गुर्जर, राजस्थान गुर्जर महासभा के कंवरपाल अंदाना सहित आधा दर्जन गुर्जर नेताओं ने संयुक्त रूप से यहां संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। गुर्जर सहित अन्य चार जातियों को पांच प्रतिशत आरक्षण की मांग करते हुए इन्होंने कहा कि महापंचायत में पिछले आंदोलनों की समीक्षा के साथ आगे की रणनीति पर फैसला किया जाएगा। महापंचायत के लिए 20-25 विशेष लोगों की सूची बनाई है, इसमें कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला भी है। इन्होंने पत्रकारों से कहा कि गुर्जरों की अनुसूचित जनजाति आरक्षण की मांग बरकरार है, लेकिन इसका रास्ता लम्बा होने से फिलहाल एसबीसी की मांग पर ही जोर दिया जा रहा है।
सामने आया विरोधाभास
पूर्व विधायक भडाना ने जहां 2003 में भाजपा पर गुर्जरों से एसटी आरक्षण का वादा कर उसे पूरा नहीं करने का आरोप लगाया, वहीं पूर्व मंत्री नाथूसिंह ने कहा कि चुनाव से पहले भाजपा ने कभी आरक्षण का वादा नहीं किया।
बैठक आज
अखिल भारतीय युवा गुर्जर महासभा की प्रान्तीय बैठक रविवार सुबह 11 बजे मानसरोवर स्थित मुखर्जी गार्डन में होगी। महासभा के प्रदेशाध्यक्ष शैलेन्द्र गुर्जर के अनुसार इसमें समाज से सम्बंघित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होगी।

ढूंढने पड़ेंगे यूनिवर्सिटी में शिक्षक

जयपुर, 28 जून। राजस्थान विश्वविद्यालय में नई भर्ती और पदोन्नति पर लगे बे्रक की वजह से शिक्षकों की संख्या में भारी कमी हो गई है। शिक्षकों के लगातार सेवानिवृत्त होने से इनके पद खाली होते जा रहे हैं। विवि में कार्यरत शिक्षकों के तीन वर्गों में से ‘एसोसिएट प्रोफेसरÓ स्तर के शिक्षक तो लुप्त होने के कगार पर हैं। इनकी कमी से विवि में शोध और शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहे हैं। सरकारी स्तर पर अगर विवि में शिक्षकों की भर्ती और पदोन्नति प्रक्रिया यदि जल्दी शुरू नहीं की गई तो कुछ सालों में प्रदेश की शान माने जाने वाले इस सबसे पुराने विवि मे एसोसिएट प्रोफेसर का पद तो लुप्त ही हो जाएगा। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश के सबसे पुराने राजस्थान विवि में शिक्षकों के स्वीकृत पदों के अनुपात में वर्तमान में कार्यरत शिक्षकों की संख्या दो से तीन गुना तक कम हो गई है। यह हाल तो तब है जबकि लगातार विवि में छात्र और शोधार्थियों की संख्या बढ़ती जा रही है। सरकारी स्तर पर अनदेखी के चलते न ही नई भर्ती हो पा रही है और प्रमोशन की प्रक्रिया भी बाधित चल रही है। ऐसा होने से विवि में शिक्षकों के स्वीकृत पदों पर भी कार्यरत शिक्षकों का अनुपात गड़बड़ाया हुआ है। विवि में शिक्षकों के तीन वर्ग हैं इनमें प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और सहायक प्रोफेसर के सात सौ से अधिक पद स्वीकृत हैं। लेकिन, सरकारी स्तर पर विवि में शिक्षण की जरूरतों को नजरअंदाज किए जाने से शिक्षकों की संख्या लगातार कम होती जा रही है। नई भर्ती और पदोन्नति प्रक्रिया पर विराम लगा होने से विवि में शिक्षक लगातार सेवानिवृत्त होते जा रहे हैं। सर्वाधिक कमी एसोसिएट प्रोफेसर यानि रीडर पद के शिक्षकों की हो गई है। वर्तमान में विवि में एसोसिएट प्रोफेसर स्तर के सिर्फ 16 शिक्षक ही बचे हंै। जबकि इनके स्वीकृत पद कई गुना अनुपात में खाली ही पड़ हुए हैं। इन सोलह बचे शिक्षकों में से भी तीन एसोसिएट प्रोफेसर अगले एक साल में सेवानिवृत्त हो जाएंगे। पिछले तीन साल में एसोसिएट प्रोफेसर के 13 पद सेवानिवृत्ति के साथ ही रिक्त हो गए हैं। सहायक प्रोफेसर पद से एसोसिएट प्रोफेसर पद पर सीएएस के जरिए रूकी हुई पदोन्नति प्रक्रिया की वजह से भी यह पदनाम विवि में अब गिनती के शिक्षकों के पास ही बचा हुआ है। ‘राजस्थान विवि में शिक्षकों की लगातार कमी होती जा रही है। सरकारी स्तर पर न तो भर्ती की तरफ ध्यान दिया जा रहा है और न ही पदोन्नति प्रक्रिया पर। सरकार को विवि के सफल संचालन के लिए यहां शिक्षक-कर्मचारियों की भर्ती पर ध्यान देना चाहिए। Ó डॉ.बी.डी.रावत प्रदेशाध्यक्ष अखिल राजस्थान विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ‘विवि में सहायक प्रोफेसर से एसोसिएट प्रोफेसर पद के लिए पदोन्नति की प्रक्रिया शीघ्र शुरू करवाई जानी चाहिए। यह पदोन्नति का पद है। इन पदों को भरने की तरफ ध्यान नहीं दिया तो फिर प्रोफेसरों की भी कमी हो जाएगी।

OBAMA’S VICTORY

US Supreme Court upholds

healthcare reform law


Obama: "A victory for people all over this country"

The US Supreme Court has said President Barack Obama's landmark healthcare reform act is constitutional.

The court upheld a core requirement known as the "individual mandate" that Americans buy insurance or pay a fine.

Of the nine justices on the bench, Chief Justice John Roberts' vote was decisive in the Supreme Court's 5-4 ruling in favour of the law.

The ruling comes months before the US election, with Republicans vowing to push for a repeal of the bill.

Healthcare is a deeply polarising issue in the US and Republicans strongly opposed Mr Obama's legislation.

In our view, the entire Act before us is invalid in its entirety”

End Quote Justice Anthony Kennedy Dissenting opinion

The state of Florida, along with 12 other states, filed a legal challenge to the bill minutes after Mr Obama signed The Patient Protection and Affordable Care Act (ACA) into law in March 2010.

They were later joined by 13 more states, the National Federation of Independent Businesses and several individuals.

'Implement and improve'

Speaking afterwards, President Obama called the court's decision a victory for the country, saying people would not need to "hang their fortunes on chance" or fear financial ruin if they became sick.

Mr Obama said it was "time to move forward", and that he would continue to implement and improve the healthcare law.

He added: "We will be better off because we had the courage to pass this law."

Republican presidential candidate Mitt Romney said the healthcare bill was "bad law yesterday, it's bad law today".


This ruling means President Obama avoids a humiliating shellacking and does not have to make a near impossible decision about how to replace an eviscerated law. He can wipe his brow and breath a huge sigh of relief. But that does not mean it is bad news for Mitt Romney. The only way to get rid of the law is to elect him. He now has a cause that not only fires up his supporters but may also appeal to all important swing voters. It is, as he has said, a choice.

"This is a time of choice for the American people. If we're going get rid of Obamacare we're going to have to replace President Obama. My mission is to make sure we do exactly that."

He called "Obamacare" a tax rise that would add to the national debt, a "job-killer", and said it would put the federal government "between you and your doctor".

Congressional leaders also responded quickly to the verdict. Senate Minority Leader Mitch McConnell, a Republican, said: "We've passed plenty of terrible laws around here that were constitutional."

On the Senate floor, he said the only way to fix the law was "full repeal".

Meanwhile, the Senate's Democratic majority leader, Harry Reid, disagreed: "Now that this matter is settled, let's move on to other things. Like jobs."

'Triggering a tax'

The mandate was eventually upheld by the justices, citing the taxation powers granted to Congress by the US constitution.

Who's uninsured?
  • Who's uninsured?
  • Nearly 50 million, or 16.3% of Americans are uninsured
  • By ethnicity, the rate of those who lack insurance is
  • 15.4% White
  • 20.8% Black
  • 18.1% Asian
  • 30.7% Hispanic
  • Source: US Census Bureau

Chief Justice Roberts said: "We do not consider whether the Act embodies sound policies. That judgment is entrusted to the Nation's elected leaders.

"We ask only whether Congress has the power under the Constitution to enact the challenged provisions."

A majority of justices agreed that the penalty individuals must pay if they refuse to buy health insurance falls within Congress' power to levy taxes, upholding the "individual mandate".

"The mandate can be regarded as establishing a condition - not owning health insurance - that triggers a tax - the required payment to IRS," Justice Roberts wrote.

The government's main argument was that the law was legal under Congress' ability to regulate "interstate commerce" - but a majority of justices did not agree with this view.

Four dissenting justices said that limits on the power of Congress to regulate commerce and raise taxes "cannot be such as will enable the Federal Government to regulate all private conduct and to compel the States to function as administrators of federal programs."

"That clear principle carries the day here," they added.

In an opinion written by Justice Anthony Kennedy, the dissenting justices went further, to say: "In our view, the entire Act before us is invalid in its entirety."

Medicare clause limited

While the court described the penalty as a tax, it did not invoke a law that could have prevented the justices from ruling on the case.

Healthcare verdict
  • Individual mandate upheld
  • Expansion of Medicaid limited but not struck down
  • Five justices voted to uphold the law: John Roberts (chief justice), Ruth Bader Ginsburg, Elena Kagan, Sonia Sotomayor, Stephen Breyer
  • Four justices dissented: Antonin Scalia, Anthony Kennedy, Clarence Thomas, Samuel Alito

Under a law called the Anti-Injunction Act, taxes cannot be legally challenged until after they have been levied. This could have delayed a verdict till 2015 - after the "individual mandate" comes into effect and the first round of penalties have been paid.

They were also not required to rule on the issue of "severability", which would determine whether other parts of the healthcare law could stand even if the mandate was struck down.

In addition to the individual mandate, the Supreme Court was asked consider another part of the law that deals with the expansion of Medicaid, a government healthcare programme for low-income citizens.

The court ruled to limit that provision but did not strike it down altogether, saying Congress could place conditions on the use of federal funds.

"What Congress is not free to do is to penalize States that choose not to participate in that new program by taking away their existing Medicaid funding," the Supreme Court's opinion said.

The rising cost of healthcare over 50 years, 1960-2010

27 जून 2012

For IIT now TOP 20 Percentile in board exams IS MUST

1. 12th : Top 20 percentile (in any board)

2. Main Exam (Common for Engineering)

3. Advanced Exam *only for IIT (limited for top 1.5 lakh students)

4. IIT



New Delhi<><><

Faced with stiff opposition from IITs, the IIT Council on Wednesday withdrew its controversial May 28 decision to hold a common entrance exam for all centrally funded technical institutes. The council instead approved a new compromise formula for admission that will come into effect in 2013 and use board exam marks strictly as cut-off, as demandedPublish Post by IIT senates.

The May 28 announcement introduced a new common entrance exam format for admission to IITs, NITs, IIITs from 2013. This new exam was to have two components — JEE Main (for screening) and JEE Advanced (for the final IIT merit list) with 50 per cent weight age to Class 12 scores at the screening stage. The proposal met with stiff opposition from IITs, with the senates of IIT-Delhi and Kanpur announcing a boycott.

According to Wednesday’s announcement, Class 12 marks will be used only as cut-off to screen students for eligibility for admission to IITs. Aspirants will have to be in the top 20 percentile of their boards to be eligible.

The IIT merit list will be decided by JEE Advanced, a test that will be conducted and managed by the IITs alone, and which will be held on a separate date from JEE Main. JEE Main or the common entrance exam, an objective test, will serve to screen the top 1.5 lakh students who will appear for JEE Advanced.

The new format will mean that a student will have to perform reasonably well in Class 12 to finally make it to an IIT. Going by 2012 board results data, a CBSE student would need at least 78 per cent to be in the top 20 percentile; one of the UP board 65-66 per cent; and one of the Tamil Nadu board around 78 per cent.

A tentative chronology suggests that while board exams will be held in February-March 2013, JEE Main will be scheduled in early April and JEE Advanced — for 1.5 lakh students — in mid-May. Soon after board results are out in mid-June, IITs will tally their JEE Advanced merit list and the percentile position of these students and declare their final results.

Human Resource Development Minister Kapil Sibal told The Indian Express that the council’s decision was a “very important step in the right direction”.

“I thank the council and appreciate the fact that they have taken this decision... There is still a long way to go though, and I am sure all stakeholders will work together,” he said. “While the IIT Council may not have achieved all four objectives through its decision, hopefully the system and stakeholders will work to do so over the next 3-4 years.”

Sibal skipped the council meeting. Prof M N Sharma, chairman of the board of governors of IIT Madras, chaired the meeting.

NITs and IIIT councils will meet next week to decide on their admission format in the light of today’s decision. It is expected that these institutes will admit students on the basis of board marks and JEE Main scores, thus making JEE Advanced strictly an IIT admission test, Higher Education Secretary Ashok Thakur said.

All-India IIT Faculty Federation president Prof K Narsimhan said he was “quite pleased” with the outcome of the council meeting, which he said was “consistent” with the Joint Admission Board resolution passed last week, and with the concerns of IIT senates and the faculty federation.

Sources in the IIT-Kanpur senate, the first to boycott the May 28 formula, also termed the council decision as a move in the “right direction”, and largely “in line with what senates had said”.

The IIT-Delhi Alumni Association, which is meeting on Thursday, welcomed the decision to give IITs complete control over JEE Advanced, but at the same time expressed reservations about the top 20 percentile formula. The association termed it as “pro-rich” and “detrimental to the interests of students from rural India”.

मोदी को पीएम बना दो, पर गुजरात से बाहर करोः पटेल

Keshubhai Patel

केशुभाई पटेल

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अहमदाबाद।।


मैं बीजेपी का शुक्रगुजार हूं। मैं उस राज्य का पहला मुख्यमंत्री बना जिसने ज्यादातर बीजेपी के पक्ष में फैसला दिया। 10 सालों की कड़ी मशक्कत के बाद बीजेपी सत्ता में आई और पार्टी ने मुझे मुख्यमंत्री की कुर्सी दी। हालांकि, मैं बड़ी शालीनता से पद से हटा और बतौर नए मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को स्वीकार किया, क्योंकि कुर्सी से ज्यादा मेरे लिए पार्टी मायने रखती थी। मौजूदा समय में गुजरात को एक अहंकारी ने हाइजैक कर रखा है। गुजरात के लोग आज भी यही चाहते हैं कि गुजरात की सत्ता बीजेपी के हाथों में हो। ऐसे में पार्टी को चाहिए कि नरेंद्र मोदी के हाथ से राज्य की कमान वापस ले ली जाए। यह कहना है गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मोर्चा खोल चुके केशुभाई पटेल का।


केशुभाई पटेल ने कहा, मोदी नंबर वन हैं, लेकिन घमंड और ड्रामेबाजी के मामले में। उन्होंने दावा किया कि 2012 इलेक्शन में वह पूरी तरह से मोदी के खिलाफ काम करेंगे। हालांकि, उनके इस दावे पर शक होता है, लेकिन 84 साल के आरएसएस, जनसंघ और बीजेपी के समर्थक केशुभाई ने ज़ोर देकर कहा कि मोदी को न हटाना बीजेपी के लिए आत्मघाती साबित होगा। बीजेपी के प्रति अपना कमिटमेंट जताते हुए उन्होंने कहा, अगर पार्टी इस मामले में कोई कदम नहीं उठाती है तो वे खुद कोई बड़ा कदम उठाएंगे। उन्होंने कहा, 'मैंने पार्टी नेताओं से कहा है कि वे मोदी को गुजरात से बाहर ले जाएं।'

पटेल बोले, 'मैंने पार्टी से कह दिया है कि उनको लगता है कि मोदी बहुत अच्छे हैं तो आगे बढ़ें और उन्हें पीएम बनाएं, लेकिन गुजरात उनसे थक चुका है।' उन्होंने कहा, 'आज गुजरात के हालात इमर्जेंसी के दौर से भी ज्यादा खराब हैं।' अहमदाबाद मिरर को दिए एक इंरव्यू में केशुभाई बोले,'अगर नेतृत्व जनता की आवाज को नहीं सुनता तो जनता जबर्दस्ती बदलाव का दबाव डालेगी।'उन्होंने यह भी कहा कि अगर गुजरात में बीजेपी के नेतृत्व को जल्द नहीं बदला गया तो बहुत देर हो जाएगी।

FBI credit card data sting snares 24 worldwide

Washington><><><><

Stock image of credit cards
The FBI notified credit card companies of more than 400,000 compromised cards


At least 24 people in 13 countries have been arrested in a US-led sting operation targeting illegal trafficking of credit card information.

The swoop came after a two-year undercover FBI investigation spanning four continents.

Operation Card Shop tracked those buying and selling information through a fake, FBI-run online forum on such "carding" schemes.

Twelve of the arrests were in the United States, with six in the UK.

All of the detained are men ranging in age from 18 to 25. Some face 40 years in prison if convicted on fraud-related charges.

One of the men, Mir Islam, known online as "JoshTheGod", was charged with trafficking in 50,000 stolen credit card numbers.

In total, investigators notified credit card providers of more than 400,000 compromised accounts.

US officials said the operation prevented losses of $205m (£131m) from debit and credit cards.

The sting focused around an online forum called Carder Profit, set up by the FBI in June 2010, where users could exchange stolen account and card numbers.

Investigators identified alleged cybercriminals in the US, Europe, Asia and Australia.

US district attorney Preet Bharara said in a statement: "Clever computer criminals operating behind the supposed veil of the internet are still subject to the long arm of the law."

अतुल्य भारत



Osama bin Laden not killed by US, claims former CIA agent


 Berkan Yashar, a Turkish politician and former US intelligence agent claimed that the American did not kill the al Qaeda leader Osama bin Laden and in fact, he died naturally, Russian media reported on Wednesday.
The politician was talking to Russia’s Channel One, reported.
 “In September of 1992, I was in Chechnya, that’s when I first met the man whose name was Bin Laden. This meeting took place in a two-story house in the city of Grozny; on the top floor was a family of Gamsakhurdia, the Georgian president, who then was kicked out of his country. We met on the bottom floor; Osama lived in the same building, “said Berkan Yashar.
CIA gave him the name Abubakar, according to Channel One. According to Berkan, after that trip Chechen nationals appeared in Osama bin Laden’s circle. Berkan Yashar emphasized that they did not participate “directly in the terror bombings.” He added, “They protected bin Laden, it was his choice because he trusted them entirely, and knew that they would never betray.”
Berkan revealed some astonishing when asked about bin Laden’s death in Pakistan on May 2 last year. He said: “Even if the entire world believed I could not possibly believe it.” “I personally know the Chechens who protected him, they are Sami, Mahmood, and Ayub, and they were with him until the very end. I remember that day very well, there were three sixes in it: 26 June 2006. These people, as well as two others from London and two Americans, all seven of them, saw him dead. He was very ill, he was skin and bones, very thin, and they washed him and buried him.”
He said  “only three Chechens buried him, according to his will” in the mountains on the Pakistan-Afghan border. “There was no assault. I know the American operations from the inside: they find the grave, dig out bin Laden and tell everyone about this. They need to show how technologically the security services worked, how each step was controlled, and then present it as a great victory to show that taxpayers are not paying taxes for nothing.”
“I was the first one who announced the date of his death in November of 2008 at a conference in Washington, not naming any names, and it looks like it was when the Americans began to track my contacts,” he said.
According to him, the last security he saw was Sami, who was abducted by the CIA before bin Laden was declared killed and most likely it was Sami who disclosed to them the exact place of burial in the mountains on the Pakistan-Afghan border.
(as published in The Nation, pakistan)

26 जून 2012

क्या यही हमारी सहनशीलता है ?


बारहवीं में पार्किंग विवाद, एक की हत्या

जयपुर।
आदर्श नगर थाना क्षेत्र में मंगलवार रात गोविन्द मार्ग पर कार पार्किंग को लेकर हुए विवाद में एक परिवार के सदस्यों ने कार बाजार के मालिक पर हमला कर दिया। बाद में गंभीर घायल कार बाजार मालिक ने सवाई मानसिंह अस्पताल में दम तोड़ दिया। रात को हुई इस घटना से कॉलोनी में सनसनी फैल गई। पुलिस मामले की पड़ताल करने में जुटी हुई है।
एडिशनल डीसीपी योगेश दाधीच ने बताया बी-5 निवासी नीमूचणा हाउस निवासी ज्ञानचन्द अग्रवाल के परिवार में मंगलवार शाम को बारहवें का कार्यक्रम था। रिश्तेदार व अन्य मिलने आने वाले लोग मकान के सामने स्थित खाली स्थान पर अपने वाहन पार्क कर रहे थे। इस दौरान पार्किüग की बात को लेकर सामने स्थित कार बाजार के मालिक सेठी कॉलोनी निवासी विनोद कुमार जैन (51) का अग्रवाल परिवार के सदस्यों से कहासुनी हो गई। सूचना मिलने पर विनोद के बेटे शोभित व राहुल भी मौके पर आ गए।
इसके बाद मारपीट शुरू हो गई, जिसमें विनोद कुमार गंभीर घायल हो गए। परिजन उन्हें एसएमएस अस्पताल ले गए। जहां उनकी मौत हो गई। इधर अग्रवाल परिवार के सदस्यों ने मारपीट की घटना से इनकार किया है। पीडित पक्ष की ओर से ज्ञानचन्द अग्रवाल, बेटे आलोक, अभिषेक व अनुराग के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। पुलिस दोनों पक्षों और आस-पास के लोगों से पूछताछ कर रही है।

एक आतंकी की पूरी कहानी...नरेंद्र मोदी के खून का प्‍यासा था हमजा



नई दिल्‍ली।

26/11 के मुंबई हमले के आरोपी सैयद जबीउद्दीन अंसारी उर्फ अबु हमजा के छिपने और उसकी गिरफ्तारी की कहानी जितनी दिलचस्‍प है, उसके इरादे उतने ही खौफनाक। दिल्‍ली पुलिस ने 25 जुलाई को उसकी गिरफ्तारी की बात सार्वजनिक की। लेकिन कहा जा रहा है कि उसे कुछ दिन पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था और डीएनए टेस्‍ट कराने के बाद इस बारे में ऐलान किया गया। डीएनए टेस्‍ट उसकी पहचान पुख्‍ता करने के लिए जरूरी था।

बताया जाता है कि अंसारी ने 26 नाम रख रखे थे। वह सऊदी अरब में रह रहा था और वहां से लौटने पर 21 जून को दिल्‍ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हवाई अड्डे पर गिरफ्तार कर लिया गया।


ऐसी खबरें आ रही हैं कि मुंबई हमले में सक्रिय भूमिका निभाने के बाद वह इस तरह का एक और हमला अंजाम देना चाहता था। उसके निशाने पर नरेंद्र मोदी भी थे। दरअसल, वह चर्चा में ही तभी आया था जब उसने मोदी की हत्‍या की साजिश रची थी।

20 जून 2012

Dopamine also regulates your sleep, scientists say

Washington <><><><

 Dopamine, or the feel-good brain chemical, has been linked to everything from laziness to creativity and from impulsivity to drug addiction.

Now, a new study has added sleep regulation to that list. Researchers at the University of Barcelona in Spain found that when dopamine latches onto its receptor in a special part of the brain, it seems to signal the body to "wake up" by turning down levels of the sleepiness hormone melatonin.

The first clue to this new discovery came when researchers noticed that dopamine receptor four, a protein on the outside of certain cells that binds to dopamine, was active in the part of the brain called pineal gland which regulates our internal clock, or the circadian rhythm, by releasing melatonin in response to light.

Interestingly, presence of the dopamine receptor on pineal gland cells seemed to cycle with the time of the day — the receptor numbers were high at night and lower during the day.

The researchers therefore thought this protein may be important in the circadian rhythm — your body's daily cycle of proteins that regulate daily patterns of feeding, sleeping, body temperature and other functions, LiveScience reported.

During the night, they found, the pineal gland produces a hormone called melatonin that makes you sleepy.

By studying human cells and rat pineal glands in the lab, the researchers have now found that the dopamine D4 receptor hooks up on the outside of pineal gland cells alongside norepinephrine receptors to dampen this melatonin-secretion signal in the early morning.

And while the norepinephrine complex turns up melatonin, along with your sleepiness, when dopamine and its receptor come into the picture, it forms a complex of proteins that does the opposite, said the researchers who detailed their study in the journal PLoS Biology.

When dopamine interacts with its receptor on the outside of the pineal cells, it interferes with the signal sent into the cell, leading to low production and release of melatonin.

Luckily, dopamine's light-dark cycle means the two (dopamine receptor and the norepinephrine's receptor, called the andrenergic receptor only hook up at the end of the night.

"The system is expressed in the evening. The dopamine receptor level peaks and you get this nice inhibition of the adrenergic receptor," study researcher Peter McCormick said.

"Everything is sort of on a delay so that by morning time or sunrise you get a complete inhibition of melatonin
production."

Studying how these two receptors work together in more depth could give researchers a better understanding of circadian rhythm and its associated disorders, like jet lag, the researchers noted.


It could also be relevant to sleep and mood disorders, such as depression, which involves not only odd dopamine levels in the brain, but also disturbed sleep patterns, they added.